भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी ने कुश्ती निकाय चुनाव में दर्ज की जीत

Indian Wrestling Federation President Election: भाजपा सांसद और पूर्व भारतीय कुश्ती महासंघ बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी संजय सिंह (Sanjay Singh) को आज राष्ट्रीय कुश्ती संस्था (Wrestling Federation of India) का नया अध्यक्ष चुना गया

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संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष चुने गये

Indian Wrestling Federation President Election: भाजपा सांसद और पूर्व भारतीय कुश्ती महासंघ बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) के करीबी सहयोगी संजय सिंह (Sanjay Singh) को आज राष्ट्रीय कुश्ती संस्था (Wrestling Federation of India) का नया अध्यक्ष चुना गया. संजय सिंह ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता श्योराण पर भारी जीत हासिल करते हुए 47 में से 40 वोट हासिल किए, जिन्हें श्री संजय सिंह के खिलाफ विरोध करने वाले शीर्ष पहलवानों का समर्थन प्राप्त था.  वहीं, दूसरी ओर  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जो उपाध्यक्ष पद की दौड़ में थे वो चुनाव हार गये हैं.  अध्यक्ष के शीर्ष पद के अलावा, एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक महासचिव, एक कोषाध्यक्ष, दो संयुक्त सचिव और पांच कार्यकारी सदस्यों के पदों को भरने के लिए चुनाव हुए.  

श्री सिंह के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले दिग्गज पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट से वादा किया गया था कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य या सहयोगी को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जिसके कारण बृजभूषण के बेटे प्रतीक और दामाद विशाल सिंह चुनावी दौड़ में नहीं उतरे, लेकिन उनके सहयोगी संजय सिंह का नामांकन साफ़ हो गया था. 

संजय सिंह और उनके सहयोगियों ने  इससे पहले NDTV से कहा था कि, "उन्हें अधिकांश राज्यों के कुश्ती संघों का समर्थन प्राप्त है."  उन्होंने कहा था कि "कुश्ती बिरादरी जानती है कि खेल की बेहतरी के लिए किसने क्या काम किया और वोट डालते समय इसे ध्यान में रखा जाएगा".  

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वहीं, चुनाव के परिणाम आने से पहले बृजभूषण ने कहा था कि "आज 11 महीने बाद चुनाव हो रहे हैं,  जहां तक संजय का सवाल है तो उन्हें पुराने महासंघ का प्रतिनिधि माना जा सकता है. संजय सिंह का चुनाव जीतना तय है.  मैं उनसे जल्द से जल्द अनुकूल खेल माहौल बनाने और किसी भी नुकसान की भरपाई करने का आग्रह करता हूं." बता दें कि संजय डब्ल्यूएफआई की पिछली कार्यकारी परिषद का हिस्सा थे,  वह 2019 से राष्ट्रीय महासंघ के संयुक्त सचिव भी थे.

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बता दें कि डब्ल्यूएफआई चुनाव की प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी लेकिन अदालती मामलों के कारण इसमें देरी होती रही है. इसके चलते अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संस्था ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को खारिज कर दिया जिसके कारण ही चुनाव का रास्ता साफ हो सका था.

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