भारत की स्वदेशी ट्रेन में कई ऐसी खूबियां हैं जो उसे दुनिया के कई ट्रेनों से उसे अगल बनाती है.
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- इस ट्रेन में फ्रेश एयर कूलिंग क्षमता 16,000 प्रति घंटा मीटर क्यूबिक है.
- इस ट्रेन में एक साथ 6,050 यात्री यात्रा कर सकते हैं.
- इस ट्रेन की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा है.
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मुंबई:
आजादी के करीब 70 साल बाद भारत की पहली मेड इन इंडिया ट्रेन शनिवार से चलनी शुरू होगी. रेलमंत्री सुरेश प्रभु मुंबई में ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. भारत की स्वदेशी ट्रेन का नाम 'मेधा' रखा गया है. अपनी पहली यात्रा में मेधा ट्रेन ने मुंबई के चर्चगेट से लोकमान्य तिलक टर्मिनस (एलटीटी) तक की यात्रा की.
इस ट्रेन में है खूबियों की भरमार
इससे पहले 'मेधा' ट्रेन का कई चरण में सफल ट्रायल किया जा चुका है. इस ट्रेन को कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी (सीआरएस) की स्वीकृति मिल चुकी है.
भारत की स्वदेशी ट्रेन में कई ऐसी खूबियां हैं जो उसे दुनिया के कई ट्रेनों से उसे अगल बनाती है. इस ट्रेन में एक साथ 6,050 यात्री यात्रा कर सकते हैं. इसमें 1,168 सीटे हैं. इस ट्रेन की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा है.
इस ट्रेन में फ्रेश एयर कूलिंग क्षमता 16,000 प्रति घंटा मीटर क्यूबिक है. रिजेनरेटड ब्रेकिंग सिस्टम युक्त यह रेक 30 से 35 प्रतिशत बिजली परिचालन के दौरान बचा सकती है. रेलवे अधिकारी के मुताबिक मेड-इन-इंडिया ट्रेन 'मेधा' को बनाने में लगभग 43.23 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. जबकि विदेश से खरीदी जाने वाली बॉम्बार्डियर ट्रेन की कीमत 44.36 करोड़ रुपए है.
मेक इन इंडिया के तहत देश की पहली स्वदेशी लोकल 'मेधा' हैदराबाद मेधा सर्वो ड्राइव्स फर्म की ओर से प्रायोजित है और चेन्नई कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है. वर्तमान में मध्य और पश्चिम रेल पर परिचालित होने वाली लोकल चैन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार होती है. इन लोकल ट्रेनों में इलेक्ट्रिक तकनीकी समेत अन्य तकनीकी संबंधी काम सीमेंस और बॉम्बार्डियर कंपनियों की देख रेख में होता है. ये कंपनियां विदेशी है.
इस ट्रेन में है खूबियों की भरमार
इससे पहले 'मेधा' ट्रेन का कई चरण में सफल ट्रायल किया जा चुका है. इस ट्रेन को कमिश्नर ऑफ रेल सेफ्टी (सीआरएस) की स्वीकृति मिल चुकी है.
भारत की स्वदेशी ट्रेन में कई ऐसी खूबियां हैं जो उसे दुनिया के कई ट्रेनों से उसे अगल बनाती है. इस ट्रेन में एक साथ 6,050 यात्री यात्रा कर सकते हैं. इसमें 1,168 सीटे हैं. इस ट्रेन की स्पीड 110 किमी प्रति घंटा है.
इस ट्रेन में फ्रेश एयर कूलिंग क्षमता 16,000 प्रति घंटा मीटर क्यूबिक है. रिजेनरेटड ब्रेकिंग सिस्टम युक्त यह रेक 30 से 35 प्रतिशत बिजली परिचालन के दौरान बचा सकती है. रेलवे अधिकारी के मुताबिक मेड-इन-इंडिया ट्रेन 'मेधा' को बनाने में लगभग 43.23 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. जबकि विदेश से खरीदी जाने वाली बॉम्बार्डियर ट्रेन की कीमत 44.36 करोड़ रुपए है.
मेक इन इंडिया के तहत देश की पहली स्वदेशी लोकल 'मेधा' हैदराबाद मेधा सर्वो ड्राइव्स फर्म की ओर से प्रायोजित है और चेन्नई कोच फैक्ट्री में तैयार किया गया है. वर्तमान में मध्य और पश्चिम रेल पर परिचालित होने वाली लोकल चैन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में तैयार होती है. इन लोकल ट्रेनों में इलेक्ट्रिक तकनीकी समेत अन्य तकनीकी संबंधी काम सीमेंस और बॉम्बार्डियर कंपनियों की देख रेख में होता है. ये कंपनियां विदेशी है.
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