साइरस मिस्त्री और रतन टाटा (फाइल फोटो)
मुंबई:
टाटा संस ने देश के इस सबसे बड़े औद्योगिक घराने के चेयरमैन पद से हटाए गए साइरस मिस्त्री के समूह में कमजोर कंपनी संचालन के आरोपों को खारिज करते हुए इसे आधी सचाई और असत्य का मिश्रण बताया है.
मिस्त्री की राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के समक्ष याचिका में टाटा संस में कमजोर कंपनी संचालन के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए टाटा संस के एक प्रवक्ता ने इस पर आश्चर्य जताया.
उन्होंने कहा कि टाटा संस के किसी कार्यकारी का यह कहना कि टाटा संस में मजबूत कंपनी संचालन का अभाव है, वह भी ऐसे सदस्य द्वारा जो कि साल 2006 से कंपनी से बतौर निदेशक के रूप में जुड़ा हुआ है, पूरी तरह शरारतपूर्ण है. इसे केवल आधी सचाई और असत्य का मिश्रण ही कहा जा सकता है.
प्रवक्ता ने कहा कि टाटा संस में कंपनी कामकाज का मजबूत ढांचा है. टाटा समूह की कार्य संस्कृति के अनुरूप टाटा संस ने हमेशा ही कंपनी संचालन मामले में कानून की जरूरत से ऊपर जाकर काम किया है और वास्तव में इस औपचारिक कंपनी संचालन ढांचे को और मजबूत बनाया है.
टाटा समूह के अध्यक्ष पद से 24 अक्टूबर को अचानक हटाए गए मिस्त्री ने मंगलवार को एनसीएलटी में याचिका दायर कर टाटा संस के मौजूदा निदेशक मंडल को हटाने तथा उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने का आग्रह किया था.
टाटा संस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में दावा किया कि उन्होंने अपने काम-काज में कारपोरेट गवर्नेंस के उच्च मानदंडों का पालन किया. उनके अनुसार टाटा संस याचिका को दुर्भाग्यपूर्ण मानती है, जो मिस्त्री द्वारा टाटा समूह तथा जमशेदजी टाटा की कार्यसंस्कृति की अवहेलना है.
बयान में कहा गया है कि मिस्त्री ने हाल ही में कहा था कि यह कोई व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, इसके बावजूद यह बताता है कि यह हमेशा उनके लिए व्यक्तिगत मुद्दा है जो रतन टाटा के खिलाफ गहरी कटुता को बताता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मिस्त्री की राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण के समक्ष याचिका में टाटा संस में कमजोर कंपनी संचालन के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए टाटा संस के एक प्रवक्ता ने इस पर आश्चर्य जताया.
उन्होंने कहा कि टाटा संस के किसी कार्यकारी का यह कहना कि टाटा संस में मजबूत कंपनी संचालन का अभाव है, वह भी ऐसे सदस्य द्वारा जो कि साल 2006 से कंपनी से बतौर निदेशक के रूप में जुड़ा हुआ है, पूरी तरह शरारतपूर्ण है. इसे केवल आधी सचाई और असत्य का मिश्रण ही कहा जा सकता है.
प्रवक्ता ने कहा कि टाटा संस में कंपनी कामकाज का मजबूत ढांचा है. टाटा समूह की कार्य संस्कृति के अनुरूप टाटा संस ने हमेशा ही कंपनी संचालन मामले में कानून की जरूरत से ऊपर जाकर काम किया है और वास्तव में इस औपचारिक कंपनी संचालन ढांचे को और मजबूत बनाया है.
टाटा समूह के अध्यक्ष पद से 24 अक्टूबर को अचानक हटाए गए मिस्त्री ने मंगलवार को एनसीएलटी में याचिका दायर कर टाटा संस के मौजूदा निदेशक मंडल को हटाने तथा उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने का आग्रह किया था.
टाटा संस ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में दावा किया कि उन्होंने अपने काम-काज में कारपोरेट गवर्नेंस के उच्च मानदंडों का पालन किया. उनके अनुसार टाटा संस याचिका को दुर्भाग्यपूर्ण मानती है, जो मिस्त्री द्वारा टाटा समूह तथा जमशेदजी टाटा की कार्यसंस्कृति की अवहेलना है.
बयान में कहा गया है कि मिस्त्री ने हाल ही में कहा था कि यह कोई व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, इसके बावजूद यह बताता है कि यह हमेशा उनके लिए व्यक्तिगत मुद्दा है जो रतन टाटा के खिलाफ गहरी कटुता को बताता है.
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