माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले दो युवा मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति के मैदान में उतरे

रत्नेश पांडे ने 2016 में और मेघा परमार ने 2019 में माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था, अब एक बीजेपी में और एक कांग्रेस में शामिल

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बीजेपी में शामिल हुए पर्वतारोही रत्नेश पांडे की सतना से चुनाव लड़ने की मंशा है.
भोपाल:

मध्य प्रदेश में साल के अंत में चुनाव हैं, उससे पहले कई युवा चेहरे राजनीतिक दलों का दामन थाम रहे हैं. दो पर्वतारोही,  जो कि माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके हैं, ने अब राजनीति की चढ़ाई के लिए तैयारी हो गए हैं. एक पर्वतारोही बीजेपी में और दूसरे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.   

मध्य प्रदेश के रत्नेश पांडे ने 2016 में माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था. साल 2019 में इसी सबसे ऊंची चोटी पर मेघा परमार ने भारतीय तिरंगा फहराया था. अब यह दोनों पर्वतारोही राजनीतिक दलों में शामिल हो गए हैं.  यह दोनों 35 दिनों के भीतर राजनीति में शामिल हो गए हैं.

रत्नेश पांडे ने तीन अप्रैल को बीजेपी का दामन थामा है. अब वे सतना सीट के लिए टिकट के दावेदार हैं. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह विधायक हैं.

पर्वतारोही मेघा परमार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर की हैं. 28 साल की मेघा परमार मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की उपस्थिति में नारी सम्मान रैली में विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गईं. 

मेघा परमार कांग्रेस में शामिल हो गई हैं.

अब कांग्रेस और बीजेपी इन युवा चेहरों पर राय दे रही हैं. बीजेपी के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि, ''मेघा हो या रत्नेश, दोनों की उपलब्धि हैं. दोनों ने समाजसेवा के लिए पार्टियां ज्वॉइन की हैं तो क्षमताओं की वजह से उपयोग किया जाएगा. देखते हैं कैसा प्रदर्शन होगा.''

मेघा परमार मध्यप्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर रही हैं. यह और बात है कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनका यह तमगा वापस हो गया. इस पर कांग्रेस सवाल उठा रही है. 

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कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि, ''नौ मई को उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया है, सरकार ने ब्रांड एम्बेसडर के पद से हटा दिया. क्या सम्मान किसी पार्टी के लिए कमाया था? इस स्तर पर घटिया सोच होगी.''

वैसे मेघा परमार के इछावर सीट से बीजेपी उम्मीदवार होने की भी अटकलें थीं. यह सीट सात बार के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री करण सिंह वर्मा के पास है. सन 1977 से केवल एक बार 2013 में यहां से कांग्रेस के शैलेंद्र पटेल ने जीत दर्ज की थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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