इस शख्स ने 30 सालों में इकट्ठा किए बेशकीमती सिक्के, मुगलकाल से लेकर 48 देशों के सिक्कों का संग्रह

सागर के रहने वाले दामोदर अग्निहोत्री को सिक्कों का कलेक्शन करने का अनोखा शौक है. उन्होंने अपने घर में एक सत्यम लोक कला के नाम से म्यूजियम भी बना रखा है.

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सागर: पढ़ने लिखने, घूमने फिरने खेलकूद जैसे शोक रखने वाले लोग तो आपको बहुत देखने को मिल जाएंगे. लेकिन आज हम आपको जिनके बारे में बताने जा रहे हैं उनका शौक थोड़ा अलग है. सागर के रहने वाले दामोदर अग्निहोत्री को सिक्कों का कलेक्शन करने का अनोखा शौक है. उन्होंने अपने घर में एक सत्यम लोक कला के नाम से म्यूजियम भी बना रखा है. जिसमें उन्होंने पिछले 30 सालों में बेशकीमती दुर्लभ सिक्कों का संग्रह एकत्रित किया है. दामोदर अग्निहोत्री ने आजादी के बाद से सरकारों के द्वारा जितने भी सिक्के, रुपए ,पैसे चलन में लाए गए वह सब उनके पास सुरक्षित रखे हुए हैं. इनमें एक पैसा, दो पैसा, तीन पैसा से लेकर एक आना, दो आना के साथ आज के समय में जारी किए गए 50 रुपये तक के सिक्के हैं.

शासकों के समय में चलने वाले सिक्के और मुद्राएं भी हैं इनके पास सुरक्षित

ब्रिटिश कालीन रानी विक्टोरिया के समय से, आजादी के समय के पहले तक जो भी शासक रहे. वह जो भी मुद्राएं और सिक्के चलन में लाए, वह इनके पास संग्रहालय में संरक्षित रखे हुए हैं.

सिंधिया शासन काल के समय के सिक्कों को भी एकत्रित करके रखा हुआ है, सबसे खास बात यह है कि भारतीय सिक्कों के अलावा, विदेशी मुद्राएं भी उन्होंने अपने म्यूजियम में संजोकर रखी हैं, जिनमें 48 देशों में प्रचलन में रहे सिक्के शामिल हैं.

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वहीं, 15 मुद्राएं ऐसी हैं जो चांदी की हैं. दामोदर अग्निहोत्री ने पाकिस्तान, श्रीलंका, अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, रूस, दक्षिण, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन, चीन, जापान, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, कनाडा के पुराने सिक्के अपने पास संजोकर रखे हुए हैं.

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अकबर, आलम गिरी के समय में चलने वाले करीब 1000 साल पुरानी मुद्रा भी है इनके पास

आजादी के समय के पहले की बात करें तो मुगल काल में, अकबर, आलम गिरी के समय में चलने वाले करीब 1000 साल पुरानी मुद्राएं इनके पास रखीं हैं. मराठा कालीन,अवध नरेश और करीब 2000 साल पुराने सिक्के ढालने वाले दुर्लभ सांचे भी इनके पास रखे हुए हैं.

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दामोदर अग्निहोत्री रिटायर निगम कर्मी हैं, जो बताते हैं कि उन्होंने बुंदेली चीजों को एकत्रित करने का काम शुरू किया था. उन्हें इसका शौक है. दामोदर अग्निहोत्री ने सत्यम कला एवं संस्कृति के नाम से संग्रहालय तैयार किया है. 

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