मध्यप्रदेश के पन्ना शहर के नजदीक खेरमाई के पास रविवार की सुबह भालू ने एक दंपत्ति पर हमला करके उसे जान से मार दिया और करीब पांच घंटे तक उनके मृत शरीर को नोच-नोचकर खाता रहा. वह दंपत्ति के आधे से अधिक शरीर को खा गया.
घटना की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों के साथ-साथ पुलिस और वन विभाग के कुछ कर्मचारी इस भालू को शवों के पास से भगाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वह इन शवों के पास से नहीं हटा और उन्हें नोच-नोचकर खाता रहा.
बाद में पन्ना बाघ अभयारण्य का दल आया और उसने इस भालू को बेहोश करके पकड़ लिया. लेकिन तब तक वह इस दंपत्ति के आधे से अधिक शरीर को खा चुका था.
इस घटना से स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग की टीम मौके पर बहुत देरी से आई.
उत्तर वन मंडल पन्ना के वन मंडलाधिकारी गौरव शर्मा ने मीडिया को बताया कि भालू के हमले में मारे गए दंपत्ति की पहचान मुकेश ठाकुर (50) और उनकी पत्नी इंदिरा ठाकुर (45) के रूप में की गई है. वे पन्ना शहर के रानीगंज मोहल्ले के रहने वाले थे.
उन्होंने कहा, ‘‘भालू ने जब इस दंपति पर हमला किया, तब वे शायद किसी मंदिर में जा रहे थे. भालू उनके शरीर को खा रहा था.'' शर्मा ने बताया, ‘‘सूचना मिलने पर हमने अपना स्टाफ मौके पर भेजा था. हमने पन्ना बाघ अभयारण्य के दल को भी बताया. अभी इस भालू को बेहोश कर पकड़ लिया गया है और दंपत्ति के शव भी बरामद किए हैं.'' उन्होंने कहा कि इस भालू को हम बाहर चिड़ियाघर में ले जाने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने कहा कि शासन के नियमानुसार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये (कुल आठ लाख रुपये) की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह मदद एक-दो दिन में दे दी जाएगी.
मृतक के परिजनों के अनुसार यह घटना रविवार सुबह उस वक्त हुई, जब यह दंपति पन्ना शहर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर खेरमाई के पास एक मंदिर में पूजा अर्चना करने गए थे. सुबह पौने सात बजे भालू के हमले की जानकारी मिलने पर परिजन वहां पहुंचे, तो देखा कि भालू उन्हें खा रहा है.
परिजनों के अनुसार उन्होंने पुलिस और वन विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन ढाई-तीन घंटे बाद पुलिस एवं वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने आरोप लगाया कि यह वन विभाग की लापरवाही है, जिसके कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका. उन्होंने कहा कि जब तक पन्ना बाघ अभयारण्य के बचाव दल ने इस भालू को बेहोश कर पकड़ा, तब तक वह इस दंपति के आधे से अधिक शरीर को भालू नोच-नोचकर खा चुका था.
नाराज परिजनों ने कुछ देर तक वहां हंगामा किया. इसके बाद गरीब परिवार को आर्थिक मदद के साथ नौकरी की मांग की है.