सतना: 9 करोड़ का धान कहां गया? मिट्टी में मिल गया या चोरी हो गया?

बताया जाता है कि उपार्जन सत्र 2021-22 और 2022-23 में लगभग 80 हजार  क्विंटल धान ओपन कैंप में रखा गया था. कुछ धान मिलिंग के लिए मिलरों के यहां भेजे गए. कथित तौर पर खराब गुणवत्ता के कारण धान वापस कर दिया गया. लेकिन कमाल की बात यह है कि यह धान उपार्जन समिति को वापस भी नहीं किया गया. उसे पुन: ओपन कैप में रख दिया गया.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins

समर्थन मूल्य पर धान-गेहूं का उपार्जन कर जिम्मेदार अधिकारी उसकी उचित देखभाल नहीं कर पाते. ओपन कैप में महज तिरपाल के सुरक्षा कवच के भरोसे सोनौरा ओपन कैप में रखी नौ करोड़ की धान गायब हो गया है. समर्थन मूल्य पर खरीदकर रखा गया धान की न तो कस्टम मिलिंग हो पाई और न ही मौके पर उपलब्ध है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह धान गया तो गया कहां? क्या देखरेख में 40 हजार क्विंंटल पशु सफाचट कर गए? क्या अधिकारियों की अनदेखी के चलते चोरी हो गया? या फिर पानी में सड़ कर मिट्टी में मिल गया? फिलहाल इन तीनों सवालों का जवाब देने से ओपन कैप के अधिकारी, वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन और नागरिक आपूर्ति निगम के अफसर बच रहे हैं.

बताया जाता है कि उपार्जन सत्र 2021-22 और 2022-23 में लगभग 80 हजार  क्विंटल धान ओपन कैंप में रखा गया था. कुछ धान मिलिंग के लिए मिलरों के यहां भेजे गए. कथित तौर पर खराब गुणवत्ता के कारण धान वापस कर दिया गया. लेकिन कमाल की बात यह है कि यह धान उपार्जन समिति को वापस भी नहीं किया गया. उसे पुन: ओपन कैप में रख दिया गया.  धान खराब था. यह मानकर सुरक्षा कर्मियों ने भी गंभीरता से नहीं लिया. नतीजा यह हुआ कि आज मौके पर कोई धान ही नहीं बचा.

नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक दिलीप सक्सेना की माने तो यह सुरक्षा और उचित रखरखाव का खर्च ओपन कैप संचालक को दिया जाता है. यदि उसने लापरवाही की है तो स्टॉक का पूरा पैसा उसी से वसूला जाएगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mahakumbh 2025: भगदड़ के बाद वापस लौट रहे श्रद्धालु, प्रशासन ने किए बेहतरीन इंतजाम | Prayagraj
Topics mentioned in this article