मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दतिया एवं भिंड जिलों में कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) का उल्लंघन करने वालों को पुलिस ने नागिन डांस करने एवं मेढक दौड़ लगाने की सजा दी. दतिया जिले के राजगढ़ चौराहे पर पुलिसकर्मियों ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान घर से बेवजह निकल रहे लोगों को सजा के तौर पर पहले उठक-बैठक लगवाई और उसके बाद नागिन डांस करवाया. पुलिसकर्मियों ने फिर उन्हें समझा-बुझाकर छोड़ दिया. इसका वीडियो किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दिया है.
राजगढ़ चौकी प्रभारी वाई एस तोमर ने बृहस्पतिवार को बताया कि बार-बार समझाने पर भी लोग अपने घरों से बेवजह बाहर निकल रहे है, जिन्हें रोकने के लिए हम कई तरीके अपना रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों को इस बात को भी समझाने के प्रयास कर रहे हैं कि वे बेवजह घर से बाहर न निकलें.''
उन्होंने बताया,‘‘हम घर से बेवजह बाहर निकल रहे लोगों को सजा के तौर पर उठक-बैठक लगवाना, राम नाम लिखवाना, मुर्गा बनाना, उनकी आरती उतारना, अस्थाई जेल में भेजे जाने और डांस करवाने जैसी सजाएं दे रहे हैं.''
उप पुलिस अधीक्षक (पुलिस मुख्यालय भिंड) मोती लाल कुशवाहा ने बताया कि भिंड जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर ऊमरी थानाक्षेत्र के ग्राम सुल्तान सिंह के पुरा में शासकीय छात्रावास भवन में बुधवार को दूल्हा मुकेश जाटव (25) का फलदान एवं लगुन कार्यक्रम का आयोजन चल रहा था, जिसकी सूचना पर पुलिस आयोजन स्थल पर पहुंची तो देखा कि वहां पर करीब 200 लोग आयोजन में खाना खा रहे थे.
उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए दूल्हा मुकेश जाटव (निवासी सुल्तान सिंह का पुरा) एवं टेंट संचालक राजेन्द्र जाटव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई और आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास के अधीक्षक के विरुद्ध इस कार्यक्रम की शासकीय छात्रावास भवन में अनुमति दिए जाने की जांच की जा रही है और यदि वह दोषी पाये जाते हैं, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
कुशवाहा ने बताया कि इस लगुन फलदान कार्यक्रम के आयोजन से ट्रैक्टर-ट्रॉली में लौट रहे बिना मास्क 30 से 35 लोगों को रास्ते में पुलिस ने पकड़कर मेढक दौड़ लगवाकर सजा दी और चेतावनी देकर छोड़ दिया.
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