भोपाल: मध्य प्रदेश में भोपाल की एक विशेष अदालत ने 2009 के दंगा और सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्य में बाधा डालने के एक मामले में शनिवार को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और तीन अन्य को दोषी करार देते हुए एक साल कैद की सजा सुनाई . विधायकों और सांसदों की सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए विशेष अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) विधान माहेश्वरी ने पटवारी, पूर्व कांग्रेस विधायक कृष्ण मोहन मालवीय, सुरेन्द्र मरमट और घनश्याम वर्मा को एक-एक साल कैद की सजा सुनाई और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
इंदौर के राऊ से विधायक पटवारी पर 2009 में राजगढ़ में किसान आंदोलन के दौरान दंगा करने और सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालने का आरोप था. उनके वकील अजय गुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा, क्योंकि सजा दो साल या उससे अधिक की नहीं है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार वर्ष 2009 में पटवारी सहित सभी आरोपी राजगढ़ में किसान आंदोलन को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. इसी दौरान किसी अज्ञात व्यक्ति ने पथराव शुरू कर दिया था जो घटना बलवा में तब्दील हो गई थी. गुप्ता ने बताया कि बाद में इसी विशेष अदालत ने पटवारी और अन्य को निजी मुचलके पर जमानत दे दी. उन्होंने कहा, ‘‘हम अदालत के आदेश के खिलाफ 30 दिनों के भीतर सत्र न्यायाधीश की अदालत में अपील दायर करेंगे.''
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