मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हालिया लागू किये गये धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020 (Anti-Conversion Law) के तहत सिवनी जिले (Seoni) में चार लोगों के खिलाफ लालच व दबाव के जरिए आदिवासियों का धर्मांतरण कराने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. जिले के आदेगांव थाना प्रभारी ईश्वरी पटले (Ishwari Patle) ने सोमवार को बताया कि सिमरिया गांव के निवासी समतलाल इनवाती की शिकायत पर जोईल पास्टर सहित चार लोगों के खिलाफ दबाव और लालच देकर धर्मांतरण कराने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस द्वारा चारों फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है.
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पटले ने शिकायत के हवाले से बताया कि आदिवासी लोगों की मदद करने के नाम पर जोईल पास्टर ने सिमरिया गांव के लोगों के घर आना-जाना शुरू किया था और आदिवासियों पर धर्मांतरण के लिये लालच देने के साथ ही दबाव बनाया जा रहा था. उन्होंने बताया कि शनिवार को सिमरिया के एक मकान में आरोपी जोईल पास्टर व उसके अन्य तीन साथियों द्वारा धर्म परिवर्तन कराने के लिए एक भंडारे का आयोजन किया गया था. ग्रामिणों द्वारा इसकी सूचना दिये जाने पर पुलिस जब मौके पर पहुंची तो चारो आरोपी फरार हो गये.
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उन्होंने बताया कि समतलाल की शिकायत पर पास्टर और उसके साथियों के खिलाफ मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पटले ने कहा कि मामले में आगे जांच की जा रही है. मालूम हो कि जनवरी में मध्यप्रदेश सरकार ने एक अध्यादेश के जरिये मप्र धार्मिक स्वतंत्रता 2020 कानून प्रदेश में लागू किया है. इसमें धमकी, लालच, ज़बरदस्ती अथवा धोखा देकर शादि के लिये धर्मांतरण कराने पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया है.