खरगोन हिंसा : मौलवियों ने मुस्लिमों को निशाना बनाये जाने की शिकायत की, गृह मंत्री ने दिया निष्पक्षता का आश्वासन

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रशासन द्वारा (हिंसा प्रभावित इलाकों में) ‘‘एक तरफा कार्रवाई’’ के कारण मुस्लिम समुदाय में गुस्सा व्याप्त है. इसमें कहा गया है कि समुदाय के लोगों को जेल में डाला जा रहा है और उनकी दुकानों और घरों को तोड़ा जा रहा है.

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मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. (फाइल फोटो)
भोपाल:

मुस्लिम धर्मगुरुओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार शाम को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और खरगोन सहित राज्य के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा के बाद उनके समुदाय को कथित तौर से निशाना बनाने का मुद्दा उठाया. गृह मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं गृह मंत्री मिश्रा ने मौलवियों को आश्वासन दिया कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. गृहमंत्री ने शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने में अल्पसंख्यक समुदाय का सहयोग मांगा.

गृहमंत्री से बुधवार को मुलाकात के एक दिन पहले मुस्लिम मौलवियों के एक समूह ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना को एक ज्ञापन सौंपा और खरगोन हिंसा के मद्देनजर कथित तौर पर राज्य प्रशासन द्वारा चुनिंदा तौर पर समुदाय के लोगों को निशाना बनाने सहित कई शिकायतें की थी. भोपाल शहर काजी सैयद मुश्ताक अली के नेतृत्व में मुस्लिम मौलवियों ने गृह मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें कहा गया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पिछले कुछ समय से बिगड़ रही है.

ज्ञापन में कहा गया है कि प्रशासन द्वारा (हिंसा प्रभावित इलाकों में) ‘‘एक तरफा कार्रवाई'' के कारण मुस्लिम समुदाय में गुस्सा व्याप्त है. इसमें कहा गया है कि समुदाय के लोगों को जेल में डाला जा रहा है और उनकी दुकानों और घरों को तोड़ा जा रहा है. ज्ञापन में मौलवियों ने भोपाल में किसी अप्रिय घटना की आशंका व्यक्त की क्योंकि बजरंग दल ने हनुमान जयंती (16 अप्रैल) के अवसर पर प्रदेश की राजधानी के इतवारा से बुधवारा क्षेत्रों तक जुलूस निकालने की घोषणा की है. इस घोषणा से समुदाय के एक वर्ग में डर पैदा हो गया है. मुस्लिम समुदाय वर्तमान में रमजान का महीना मना रहा है.

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ज्ञापन में खरगोन दंगे के आरोपियों के घरों और दुकानों को गिराए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा गया कि बच्चों सहित पूरे परिवार को एक व्यक्ति के गैर कानूनी कृत्य के लिए दंडित नहीं किया जा सकता है. बैठक के बाद मिश्रा ने कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाई गई सभी आशंकाओं को दूर कर लिया गया है. उन्हें यह भी आश्वासन दिया गया है कि निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. मैंने उनसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के पहचान करने में सहयोग करने का भी आग्रह किया.'' रामनवमी समारोह के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा के कारण खरगोन शहर में रविवार से कर्फ्यू लगा हुआ है. बड़वानी जिले के सेंधवा कस्बे में रामनवमी जुलूस के दौरान पथराव की घटना भी हुई.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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