छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला जेल में जल्द ही बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएगीं. पहली बार जेल को किसी परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया है. यहां नक्सल मामलों में संलिप्त बंदी समेत, हत्या, लूटपाट सहित कई गंभीर मामलों से जुड़े बंदियों ने पढ़ाई की इच्छा जताई है. जो अब बोर्ड कक्षा की परीक्षा देंगे. इनके परीक्षा फॉर्म भरने के साथ-साथ पढ़ाई की व्यवस्था भी की जा रही है.
दरअसल, कांकेर जिले के जिला जेल में 291 विचाराधीन कैदी है. इन कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जेल प्रशासन कई कोशिशें कर रहा है. समय-समय पर कैदियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के साथ-साथ उनकी रुचि के हिसाब से उन्हें अन्य कामों में जोड़ा जा रहा है. वहीं, कैदियों से सोमवार को होने वाली परेड में चर्चा की गई, जहां नक्सल मामले में बंद कैदी ने पढ़ाई की इच्छा जताई, जिसके बाद अन्य कैदियों ने भी पढ़ाई के प्रति अपनी रुचि को साझा किया.
कैदियों की पढ़ाई की ललक को देखते हुए शिक्षा विभाग और प्रशासन को पत्र लिखकर इस जानकारी के बारे में ब ताया गया. जिसके चलते जिला सहायक समन्यवक ओपन परीक्षा केंद्र प्रभारी ने जेलर से जेल के भीतर ही परीक्षा कराने का सुझाव रखा. जेलर ने जैसे ही इस मामले का समर्थन किया तो कलेक्टर ने जेल प्रशासन और छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल परीक्षा रायपुर को प्रस्ताव भेजा. स्वीकृति मिलते ही जिला जेल को परीक्षा केन्द्र क्रमांक 0817 घोषित किया गया. इस साल सितम्बर महीने में यहां परीक्षा आयोजित की जाएगी.
अब तक कुल 12 बंदियों ने भरा परीक्षा फॉर्म
जेलर एस एल नायक ने बताया कि अब तक कुल 12 बंदियों ने बोर्ड परीक्षा के लिए फॉर्म भरा है. अन्य बंदियों के फॉर्म भी जल्द भरे जाएंगे. दस्तावेजों की कमी के लिए परिवार से सम्पर्क किया जा रहा है. परीक्षा देने वाले बंदियों की संख्या 30 से अधिक हो सकती है.
प्रशासन करेगा फीस जमा
जेल में बंद कैदियों की परीक्षा फीस प्रशासन खनिज न्यास निधि से जमा करेगी. इसकी स्वीकृति प्रशासन ने दे दी है. ओपन केंद्र द्वारा इन्हें निःशुल्क पाठ्य सामग्री भी दी जाएगी. जेल प्रशासन भी पढ़ाई के लिए स्टेशनरी आदि की व्यवस्था कर रहा है.
नक्सल बंदी ने कहा ‘अब चाहते है पढ़ना'
पढ़ाई के प्रति अपनी रुचि दो नक्सल मामले के विचारधीन कैदियों ने भी दिखाई है. जो अब आगे पढ़ना चाहते है. दोनों ने बताया कि वह किसी वजह से पढ़ाई नहीं कर पाए थे, लेकिन अब पढ़ना चाहते हैं, दोनों ने ओपन में 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फॉर्म भर दिया है और पढ़ाई भी शुरू कर दी है. पास हो जाने के बाद वह आगे 12वीं की परीक्षा भी देंगे.
हत्या, दुष्कर्म और लूट के विचाराधीन कैदी भी शामिल
जिन कैदियों ने ओपन बोर्ड परीक्षा के लिए फॉर्म भरा है उनमें कक्षा 10वीं के लिए 9 और कक्षा 12वीं के लिए 3 कैदी शामिल हैं. इनमें नक्सल मामलों के बंदी के अलावा हत्या, लूटपाट, दुष्कर्म जैसे संगीन मामलों के विचाराधीन कैदी भी हैं. जिन्होंने पढ़ने की ठान ली है. उनका कहना है कि जेल में रोजाना के कामों के बाद उनके पास काफी समय बचता है, जिसका इस्तेमाल अब वह पढ़ाई में करेंगे.
अब बेड़ियों से भी मिलेगी राहत
ऐसा नहीं है कि कांकेर जिले के बंदी पहली बार परीक्षा दे रहे हैं. बीते समय में हुई बहुत सी परीक्षाओं में बंदी शामिल हुए थे. जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा केंद्र तक बेड़ियां पहनकर ले जाया जाता था. ऐसे में सामान्य परीक्षार्थियों के बीच कैदी अपने आप को असहज महसूस करते थे, लेकिन अब जब जेल को ही परीक्षा केंद्र बना दिया गया है तो उन्हें काफी राहत मिलेगी. सभी परीक्षार्थी कैदी जेल के एक बैरक में परीक्षा दे सकेंगे.
अन्य बंदी होंगे प्रेरित
जिला जेल कांकेर में जिन बंदियों ने पढ़ाई के प्रति रुचि दिखाई है उनकी पढ़ाई शुरू हो चुकी है. वह एक नई शुरुआत करना चाहते हैं. पढ़ने वाले इन बंदियों को देख अब हो सकता है कि अन्य बंदियों में भी पढ़ने की ललक जाग उठे और वह भी दोबारा पढ़ाई करना शुरू कर दें.