झाबुआ: अप्रैल में सेवानिवृत्त शिक्षक का जुलाई में हुआ तबादला... जनजाति कार्य विभाग की लापरवाही उजागर

जनजाति कार्य विभाग की जारी सूची में सेवानिवृत्त शिक्षक का नाम देखकर सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं. शिक्षकों के सोशल मीडिया ग्रुप में चर्चा होने के साथ इधर खुद शिक्षक भी असमंजस में हैं.

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शिक्षकों की तबादला सूची से पता चला कि ट्रांसफर किए गए शिक्षक सज्जन सिंह डामोर 29 अप्रैल को ही सेवानिवृत्त हो गए थे.
झाबुआ, मध्य प्रदेश:

एमपी अजब है सबसे गजब है यहां कुछ भी हो सकता है. कुछ दिनों पहले सूबे के एक गांव के 40 लोग अपने जिंदा होने का सबूत लेकर घूम रहे थे. वहीं, अब मध्य प्रदेश के पश्चिमी आदिवासी जिले झाबुआ में एक सेवानिवृत्त कर्मचारी का तबादला कर दिया गया. यह मामला जनजातीय कार्य विभाग की हाल ही में जारी हुई शिक्षकों की तबादला सूची से जुड़ा हुआ है. स्कूल शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री इंदर सिंह परमार की अनुशंसा पर जारी हुई .इस सूची ने विभाग की लापरवाही उजागर कर दी है.

इस सूची में पेटलावद ब्लॉक के बामनिया ग्राम में पदस्थ शिक्षक सज्जन सिंह डामोर का तबादला, झाबुआ ब्लॉक के पिटोल ग्राम में कर दिया गया. यह सूची 7 जुलाई को जारी की गई. जबकि ट्रांसफर किए गए शिक्षक सज्जन सिंह डामोर 29 अप्रैल को ही सेवानिवृत्त हो गए थे.

गाजे-बाजे के साथ निकला था सेवानिवृत्ति पर जुलूस

सेवानिवृत्त शिक्षक सज्जन सिंह डामोर का लंबी नौकरी के बाद अपने कार्यकाल की समाप्ति पर परिजनों ने भव्य किया था.सज्जन सिंह डामोर को एक कार्यक्रम आयोजित कर बामनिया स्थित शिक्षण संस्थान में विदाई दी गई. जिसके बाद परिजनों ने स्कूल से उनके निवास तक गाजे बाजों के साथ एक जुलूस भी निकाला था.

गलती से सामने आया तबादलों में नेताओं का दबाव

अप्रैल माह में सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षक सज्जन सिंह डामोर के जुलाई माह में तबादले से एक बात तो साफ हो गई कि जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों ने जल्दबाजी में यह सूची तैयार की थी. बिना देखे नेताओं के कहने पर शिक्षकों के नाम लिस्ट में डाल दिए. भारी भरकम सूची आने के बाद भाजपा नेताओं की तरफ से स्वैच्छिक स्थानांतरण का दावा किया गया था, लेकिन इस घटना ने अफसरों पर नेताओं के दावों की हकीकत उजागर कर दी है.

सेवानिवृत्त शिक्षक आदेश के पालन को तैयार

जनजाति कार्य विभाग की जारी सूची में सेवानिवृत्त शिक्षक का नाम देखकर सोशल मीडिया पर मीम्स बन रहे हैं. शिक्षकों के सोशल मीडिया ग्रुप में चर्चा होने के साथ इधर खुद शिक्षक भी असमंजस में है. शिक्षक सज्जन सिंह डामोर का कहना है यदि प्रशासनिक आदेश से उनका स्थानांतरण हुआ है तो वे आदेश के पालन में कार्य मुक्त होकर आदेशित स्थान पर सेवा कार्य करने के लिए तैयार हैं. इस स्थानांतरण सूची को देखकर उनका मानना है शासन ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया होगा.

डैमेज कंट्रोल में जुटा विभाग

सेवानिवृत्त कर्मचारी का तबादला किए जाने का मामला सामने आने के बाद जनजाति कार्य विभाग डैमेज कंट्रोल में जुटा हुआ है. जनजाति कार्य विभाग की सहायक आयुक्त निशा मेहरा का कहना है कि सूची में जो त्रुटि हुई है, उसे देखा जा रहा है और जल्द ही संशोधन प्रक्रिया पूरी कर पुनः सूची जारी की जाएगी.

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