रायगढ़ में पानी की किल्लत को लेकर नेता प्रतिपक्ष और वार्ड पार्षदों का प्रदर्शन, निगम कार्यालय में जड़ा ताला

रायगढ़ में पानी की किल्लत को लेकर नेता प्रतिपक्ष, वार्डपार्षदों समेत कई लोगों ने नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया और निगम के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया.

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प्रतीकात्मक फोटो
रायगढ़:

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पानी की किल्लत को लेकर सोमवार को नेता प्रतिपक्ष, वार्डपार्षदों, जनप्रतिधियों और वार्डवासियों ने मिलकर नगर निगम के सामने जमकर प्रदर्शन किया और निगम के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मटका फोड़कर निगम सरकार, आयुक्त और महापौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. 

आक्रोशित प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे कई महीनों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, कई बार इस समस्या को लेकर शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया. बीते तीन दिनों से वार्ड नंबर 18, 30, 36 और 40 में अमृत मिशन के तहत की जाने वाली पानी की सप्लाई ना के बराबर हुई है जिससे उनकी दैनिक ज़रूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही हैं. 

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निगम के उदासीन रवैये के कारण पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता के लिए भी उन्हें धरना प्रदर्शन करने की नौबत आन पड़ी है. गौरतलब है कि लाखों रुपए खर्च कर नगर निगम शहर में पाईप लाइन का जाल बिछाया गया, लेकिन अभी भी कई ऐसे वार्ड हैं जहां पानी की सप्लाई सुचारू रूप से बहाल नहीं हो सकी है.

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वार्ड क्रमांक 36 के कांग्रेस पार्षद विनोद महेश भी अपने वार्डवासियों के साथ निगम पहुंचे और इस विरोध में शामिल हुए उनका कहना था कि उनके वार्ड में भी कई दिनों से पानी की समस्या है जिसका समाधान अभी तक नहीं हुआ है.

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मामले में नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के नेतृत्व में निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया. उन्होंने अपने इस ज्ञापन में कहा कि मिट्ठुमुड़ा वार्ड में तीन सबमर्सिबल पंप (बोर) लगे हुए थे जिससे पर्याप्त मात्रा में जल आपूर्ति हो जाया करती थी लेकिन अमृत मिशन पाइप लाइन के विस्तार के बाद से ही वार्ड से तीनों बोर हटा दिए गए, जिससे वे अमृत मिशन के पानी पर ही निर्भर हैं. जबकि अमृत मिशन के तहत पानी की सप्लाई से कभी सही तरीके से पानी उपलब्ध ही नहीं होता. ऐसे में पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ रहा है.

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वहीं, सभापति नगर निगम आयुक्त और महापौर का बयान आ रहा है कि टेक्निकल खामियों के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है. वहीं महापौर जयंती काटजू का कहना है कि विरोध कर रहे पार्षद अपनी ही केंद्र सरकार की योजना का विरोध कर रहे हैं, जबकि कुछ दिन पहले ही विरोध कर रहे पार्षद के द्वारा नगर निगम में एक सहमति पत्र दिया गया था जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि अपने क्षेत्र में अमृत मिशन को लेकर पार्षद संतुष्ट हैं.
 

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