फंस गए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद, कॉलेज की मान्यता पर लटकी तलवार

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति प्रदीप मित्तल की खंडपीठ ने जबलपुर में सोमवार को भोपाल पुलिस आयुक्त को तीन दिन के भीतर मसूद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा कि डीजीपी को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करना चाहिए.

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भोपाल:

मध्य प्रदेश में पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जो इन आरोपों की जांच करेगा कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद जाली दस्तावेजों के आधार पर एक कॉलेज का संचालन कर रहे हैं ताकि उनके संस्थान को मान्यता मिल सके. अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) दूरसंचार संजीव शमी करेंगे और छिंदवाड़ा रेंज के उप महानिरीक्षक कल्याण चक्रवर्ती और सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) प्रशिक्षण निमिषा पांडे एसआईटी के अन्य सदस्य हैं. सरकार ने अमन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज भोपाल की मान्यता नौ जून को रद्द कर दी थी, जिसे मसूद ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. मसूद इस सोसाइटी के सचिव हैं.

विधायक द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक निर्देश पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. सहायक पुलिस आयुक्त अनिल बाजपेयी ने कहा कि कोहिफिजा पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) और 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति प्रदीप मित्तल की खंडपीठ ने जबलपुर में सोमवार को भोपाल पुलिस आयुक्त को तीन दिन के भीतर मसूद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा कि डीजीपी को मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन करना चाहिए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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