छत्तीसगढ़ में तीन दिवसीय रामायण महोत्सव की तैयारी पूरी, CM भूपेश बघेल 1 जून को करेंगे शुभारंभ

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायगढ़ में 1 से 3 जून तक राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन हो रहा है. महोत्सव में 10 राज्य और 2 देश अपनी प्रस्तुति देंगे. पहले दिन अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी.

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महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा.
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राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के लिये अरण्य कांड की थीम पर सजा मंच.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 जून को महोत्सव का करेंगे शुभारंभ.
महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा.
रायगढ़:

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. रामायण महोत्सव को अरण्य कांड की थीम पर ही सजाया गया है. इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 जून को करेंगे. महोत्सव में  विशिष्ट अतिथि संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत रहेंगे.

मुख्यमंत्री बघेल की पहल पर आयोजित इस महोत्सव में अरण्य कांड पर आधारित रामकथा की प्रस्तुति राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय दलों के द्वारा होगी. रामायण महोत्सव की थीम अरण्य कांड पर रखने की वजह ये है कि अरण्य कांड तुलसीदास की रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का ऐसा हिस्सा है, जिसमें भगवान श्रीराम के वनवास के दिनों का वृतांत है. इसमें माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण ने भी उनके साथ वनवास किया था.

छत्तीसगढ़ की 9 जगहें राम-वन-गमन परिपथ में शामिल 
छत्तीसगढ़ में ऐसी 9 पृष्ठभूमि हैं जो राम-वन-गमन परिपथ में शामिल हैं, जिस पथ से भगवान श्रीराम गुजरे थे. दंडक वन में हुई इन घटनाओं को वाल्मीकि रामायण और इसके बाद कई भाषाओं में लिखी गई रामायण में अंकित किया गया है. साथ ही अलग अलग कलारूपों में भी शामिल हैं.

महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया के रामायण दलों द्वारा मंचन भी होगा. कंबोडिया के अंकोर वाट मंदिर और इंडोनेशिया के जावा के मंदिरों में रामायण के जिस रूपों का अंकन है. उसी तर्ज पर प्रस्तुत किया जाएगा. रामायण महोत्सव के दौरान दक्षिण पूर्वी एशिया के इन देशों में रामायण के प्रचलित रूपों की झलक मिलेगी.

अंतरराज्यीय रामायण मंडलियों के बीच होगी प्रतिस्पर्धा
रामकथा की अलग-अलग क्षेत्र में अपनी खूबी के साथ प्रस्तुति होती है. महोत्सव में 10 राज्य और 2 देश अपनी प्रस्तुति देंगे. पहले दिन अरण्य कांड पर उत्तराखंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ राज्यों में प्रतियोगिता होगी. दूसरे दिन झारखंड, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओडिशा, असम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और छत्तीसगढ़ राज्य के बीच प्रतियोगिता होगी. समापन समारोह पर विजेता दलों को पुरस्कृत किया जाएगा.

कंबोडिया और इंडोनेशिया के दल देंगे प्रस्तुति
महोत्सव में इंडोनेशिया और कंबोडिया में फैले राम कथा के विविध रूपों की झलक दर्शकों को देखने मिलेगी.

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सामूहिक हनुमान चालीसा का होगा पाठ
महोत्सव के दौरान तीनों दिन सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा. समापन समारोह के दिन केलो महाआरती और दीपदान का आयोजन भी होगा. कार्यक्रम के औपचारिक शुरुआत के पश्चात हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा. हनुमान चालीसा का पाठ स्थानीय कलाकारों और पुरोहितों द्वारा किया जाएगा. इस मौके पर विदेशी और अंतरराज्यीय कलाकारों द्वारा मार्च पास्ट भी किया जाएगा.

ख्यातिप्राप्त कलाकार देंगे प्रस्तुती 
राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज कलाकार कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. समारोह के पहले दिन इंडियन आइडल कलाकार शण्मुख प्रिया और सारे गामा के कलाकार शरद शर्मा अपनी प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम के दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी, लखबीर सिंह लक्खा भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगे. समापन समारोह के दिन मैथिली ठाकुर भजन संध्या की प्रस्तुति करेंगी. अंतिम कार्यक्रम कुमार विश्वास का अपने-अपने राम म्यूजिक नाइट होगा.

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