छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में पुलिस ने 'बाल सुरक्षा सप्ताह' के दौरान छात्राओं को पुलिस अधीक्षक और थानेदार बनाकर शनिवार को जिले की कमान सौंपी और उन्हें कामकाज की जानकारी दी. मुंगेली जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 'बाल सुरक्षा सप्ताह' के छठे दिन शनिवार को पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र झिरिया गांव की बालिका वंदना मरावी को पुलिस अधीक्षक बनाया. आदिवासी छात्रा वंदना सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा है.
उन्होंने बताया कि इसी तरह जिले के कई अन्य छात्राओं को अलग-अलग थानों में थानेदार बनाया गया. अधिकारियों ने बताया कि वंदना ने पुलिस से प्रभावित होकर पुलिस अधीक्षक बनने की इच्छा जाहिर की थी. उनके अनुसार वंदना ने झिरिया गांव से निकलकर पहली बार मुंगेली जिला मुख्यालय को देखा और पुलिस को समझा. उनका कहना है कि वंदना के पिता नरेश मरावी किसान हैं.
उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने वंदना मरावी को एसीपी बनाकर उसका मनोबल बढ़ाया और पुलिस अधीक्षक कार्यालय की सभी शाखाओं का निरीक्षण कराया. इस दौरान उन्होंने सभी शाखाओं के द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्यों के बारे में भी जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद वंदना ने एसपी के रूप में संवाददाताओं से चर्चा की और उनके सवालों का जवाब दिया. बालिका ने कहा कि पुलिस अधीक्षक बनकर उसे गर्व महसूस हो रहा है तथा उसकी प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों से छेड़छाड़ करने वालों को जेल भेजना है.
उन्होंने बताया कि इसी तरह स्कूली छात्राओं को जिले के अलगृ-अलग थानों का प्रभारी बनाया गया. इस दौरान बच्चों ने थानों के कार्यों और पुलिस की कार्यप्रणाली को समझा.