महाराष्ट्र के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर... (फाइल फोटो)
फटाफट पढ़ें
- मंत्री ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूजीलैंड के दौरे पर गए थे..
- मंत्री एक क़ानून का मसौदा लेकर आने में विफल हुए.
- कृषिमंत्री के इस दौरे से खाली हाथ लौट आने पर नया विवाद खड़ा हो सकता है.
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कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन के जरिए दो हफ्ते का दौरा 2 मई से 16 मई के बीच आयोजित हुआ था. इसमें संसदीय बहस का स्तर ऊंचा करने के अलावा किसानों की कर्ज़मुक्ति के लिए अलग-अलग देशों के प्रयास का अभ्यास होना था, जिस बात को लेकर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों से महाराष्ट्र के कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर से बातचीत भी की, लेकिन वे उस क़ानून का मसौदा लेकर आने में विफल हुए, जिसके तहत किसानों की समस्याएं सुलझाई जाती हैं. बात साउथ ऑस्ट्रेलियाई फार्मर्स डेट मेडिएशन एक्ट 1994 की हो रही है.
मुंबई लौट चुके कृषिमंत्री से जब कानून के मसौदे को लेकर पूछा गया तब उन्होंने कहा कि, कागज़ात तो नहीं दिए गए... कहा गया कि स्थानीय सरकार उसे बाद में भेजेगी.
कृषिमंत्री के इस तरह विदेश दौरे से खाली हाथ लौट आने पर नया विवाद खड़ा हो सकता है. पहले ही, राज्य में तुअर दाल के उत्पादक किसानों को परेशानी में छोड़ विदेश दौरे पर जाने की वजह से वे पहले ही विपक्ष के निशाने पर आ चुके हैं.
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