- मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में दस वर्षीय बच्चे दीपक ने इमरजेंसी नंबर पर अपनी मां और बहन की शिकायत की थी
- बच्चे ने बताया कि मां ने कुरकुरे के लिए मांगे गए बीस रुपये न देने पर डांटा और रस्सी से बांधने की बात कही
- पुलिस ने तुरंत बच्चे के घर पहुंचकर स्थिति की जांच की और पाया कि मामला गंभीर नहीं था
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में 10 साल के एक बच्चे ने इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल करके जो कुछ बताया, उसे सुनकर पुलिस अधिकारी भी हैरान रह गए. बच्चे ने शिकायत की, "मां और बहन ने रस्सी से बांधकर मुझे मारा है, आप फौरन आ जाइये." जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो पता चला कि पिटाई या रस्सी से बांधने का मामला गंभीर नहीं, बल्कि बच्चे की एक छोटी-सी जिद से जुड़ा था, जिसने पुलिस टीम को भी मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया.
कुरकुरे के ₹20 मांगे, तो पड़ी डांट
यह अनोखा मामला सिंगरौली जिले के खुटार चौकी क्षेत्र के चितरवईर कला गांव का है. गांव के रहने वाले राधेश्याम के 10 साल के मासूम बेटे दीपक ने इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल किया. जब पुलिसकर्मी ने बच्चे से मारपीट की वजह पूछी, तो दीपक ने मासूमियत से बताया: "मैंने मम्मी से 20 रुपये मांगे थे, कुरकुरे खरीदने के लिए... लेकिन उन्होंने पैसे देने के बजाय मुझे डांट दिया और मार दिया." बच्चे की यह शिकायत सुनकर 112 की गाड़ी में मौजूद प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा पहले तो सकते में आए, लेकिन जब उन्हें पूरी बात पता चली तो वह मुस्कुराए भी.
पुलिसकर्मी कुरकुरे लेकर पहुंचे बच्चे के घर
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए, प्रधान आरक्षक उमेश विश्वकर्मा ने तुरंत फोन की लोकेशन ट्रेस की और अपनी टीम के साथ बच्चे के घर पहुंचे. पुलिस टीम को देखकर सबको आश्चर्य हुआ क्योंकि प्रधान आरक्षक बच्चे के लिए कुरकुरे का एक पैकेट लेकर गए थे.
पुलिसकर्मी ने बच्चे दीपक को कुरकुरे दिए और उसके बाद माता-पिता को प्यार से समझाया कि: "बच्चों के लिए उनकी छोटी-छोटी इच्छाएं भी बहुत बड़ी होती हैं. गुस्से के बजाय, उन्हें प्यार से समझाना हमेशा बेहतर होता है." फिलहाल, इस अनोखी शिकायत ने पुलिसकर्मियों को एक पल के लिए चिंता में डाला, लेकिन अंत में बच्चे की मासूमियत ने सबका दिल जीत लिया.