- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पति-पत्नी ने अपने घर से जाली नोटों का बड़ा कारोबार चलाया था
- आर्थिक तंगी के कारण दंपति ने यूट्यूब से नकली नोट बनाने की तकनीक सीखकर प्रिंटर मंगवाया
- पुलिस ने तलाशी में 1.70 लाख रुपए के जाली नोट, कलर प्रिंटर और स्पेशल बॉन्ड पेपर जब्त किए
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने जाली नोटों के एक बड़े कारोबार का भंडाफोड़ किया है. हैरानी की बात यह है कि यह पूरा रैकेट एक पति-पत्नी द्वारा अपने ही घर से संचालित किया जा रहा था. आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए इस दंपति ने घर को 'मिनी करेंसी फैक्ट्री' में तब्दील कर दिया और साप्ताहिक बाजारों में भोले-भाले व्यापारियों को ठगना शुरू कर दिया.
साप्ताहिक बाजार में मटर-मिर्च खरीदते समय पकड़ाए
यह पूरा मामला 29 दिसंबर का है, जब रानीतराई थाना क्षेत्र के साप्ताहिक बाजार में नकली नोट खपाने की सूचना मिली. सब्जी विक्रेता तुलेश्वर सोनकर की सतर्कता से इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ. शाम करीब 5:30 बजे एक महिला और पुरुष तुलेश्वर की दुकान पर पहुंचे. उन्होंने 60 रुपये की मटर और मिर्च खरीदी. भुगतान के लिए उन्होंने 500 रुपये का नोट दिया. दुकानदार ने बाकी पैसे लौटा दिए, लेकिन बाद में नोट की जांच करने पर वह नकली निकला.
यूट्यूब से सीखी 'जालसाजी', ऑनलाइन मंगाया प्रिंटर
पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी अरुण कुमार तुरंग और उसकी पत्नी राखी तुरंग (निवासी ग्राम सोनपैरी, रायपुर) ने चौंकाने वाले खुलासे किए. उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी और गरीबी दूर करने के लिए उन्होंने अपराध का रास्ता चुना. दंपति ने यूट्यूब वीडियो देखकर नकली नोट बनाने का तरीका सीखा. उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से एक कलर फोटोकॉपी प्रिंटर और स्पेशल बॉन्ड पेपर मंगवाए. रायपुर स्थित अपने घर में ही उन्होंने 100, 200 और 500 रुपये के जाली नोट छापना शुरू कर दिया. मुख्य आरोपी अरुण कुमार के खिलाफ पहले भी चोरी का एक मामला दर्ज है.
पुलिस की छापेमारी और बरामदगी
पुलिस ने जब आरोपियों के घर की तलाशी ली, तो वहां का नजारा देखकर दंग रह गई. घर के भीतर नोट छापने की पूरी मशीनरी लगी हुई थी. पुलिस ने मौके से निम्नलिखित सामान जब्त किया है. इसमें कुल जाली करेंसी ₹1.70 लाख और कलर प्रिंटर और स्पेशल बॉन्ड पेपर मिले हैं.
छोटे व्यापारियों में दहशत का माहौल
आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने पहले पाटन के बाजारों में नोट खपाए और फिर रानीतराई पहुंचे. इस घटना के बाद से स्थानीय व्यापारियों और सब्जी विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है. अब बाजार में हर बड़े नोट को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. दुर्ग पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस रैकेट में कोई और भी शामिल है और अब तक उन्होंने बाजार में कुल कितनी जाली मुद्रा खपाई है.














