लड़की को दूसरा नाम बता पंजाब से मेरठ लाकर किया मर्डर, काट दिया था टैटू वाला बाजू, 1 साल बाद सुलझी गुत्थी

एक साल पहले लुधियाना से मेरठ अपने कथित प्रेमी से मिलने आई एकता की बहुत ही वीभत्स तरीके से हत्या कर दी गई थी. यहां तक कि पहचान छिपाने के लिए उसका सिर और हाथ तक काट दिया गया था.

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एक साल पहले हुई हत्या के पीछे की कहानी आई सामने.
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  • लुधियाना से भागकर मेरठ आई थी एकता जसवाल
  • आरोपी ने पहचान छुपाकर किया था शादी का वादा
  • एक साल बाद सुलझा केस
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लखनऊ:

एक साल पहले गायब हुई लुधियाना की 19 साल की एकता जसवाल का आखिरकार पता चल गया है. एक साल पहले लुधियाना से मेरठ अपने कथित प्रेमी से मिलने आई एकता की बहुत ही वीभत्स तरीके से हत्या कर दी गई थी. यहां तक कि पहचान छिपाने के लिए उसका सिर और हाथ तक काट दिया गया था. पुलिस लगभग एक साल बाद 2 जून 2020 को इस मामले को सुलझा पाई है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने अपनी पहचान छुपाई थी और एकता से शादी करने के वादे किए थे.

पुलिस ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पूरे वाकये की जानकारी दी. पुलिस ने कल ही इस मामले में आरोपी मोहम्मद शाक़िब और उसके परिवार की दो महिलाओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी परिवार के पास से सोना, नकदी और मृतका का मोबाइल फोन बरामद किया गया है. 

एकता के पैसों पर थी नजर

एकता जसवाल लुधियाना के अच्छे-खासे परिवार से थी. उसके परिवार का टैक्सी का बड़ा बिजनेस है. एकता पिछले साल शाकिब से लुधियाना में ही मिली थी. उसने खुद को हिंदू बताते हुए अपना नाम अमन बताया था. शाकिब एकता से मिलने कई बार लुधियाना आता रहा. उसने पिछले साल की शुरुआत में एकता को मेरठ आने के लिए मनाने की कोशिश की. कुछ हफ्तों बाद ही एकता ने घर से भागने का फैसला किया और 25 लाख के गहने और नकदी के साथ मेरठ आकर शाकिब के साथ रहने लगी. शाकिब को डर लगा कि वो उसकी असली पहचान से वाकिफ हो जाएगी. वहीं, उसकी और उसके परिवार की नजर एकता के पैसों पर थी, जिसके बाद उसकी हत्या का कदम उठाया गया.

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पुलिस ने बताया कि एकता को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ डालकर पिलाया गया, जिसके बाद उसे खेतों में ले जाकर उसकी हत्या कर दी गई. हैरान करने वाली बात कि आरोपी ने एकता का फोन अपने पास रखा था और उसके व्हॉट्सऐप अकाउंट पर प्रोफाइल पिक्चर्स को उसके फोन में मौजूद पुराने फोटो से अपडेट करता रहता था, ताकि उसके जानने वालों को लगता रहे कि वो ठीक है.

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एकता की बॉडी पिछले साल जून में मेरठ के पास एक खेत में मिली थी, शव का सिर और हाथ काट दिया गया था क्योंकि हाथ पर टैटू बना हुआ था. जिससे एकता की पहचान आसान हो जाती. एकता ने अपने बाजू पर अमन उर्फ शाकिब का नाम लिखवाया था.

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मेरठ पुलिस के चीफ अजय साहनी ने बताया, 'उन्होंने उसका सिर काट दिया था और उसका बाजू भी ताकि उसके हाथ पर बने टैटू से उसकी पहचान न हो सके. मृतका का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है. आरोपी ने उसके व्हॉट्सऐप अकाउंट को एक्टिवेट रखा और उसकी डीबी बदलता रहता था, ताकि उसके रिश्तेदारों को शक न हो.'

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एक साल बाद ऐसे मिली कड़ी

एकता के परिवारवालों ने उसके गायब होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कुछ पता नहीं चला था.  इधर मेरठ में शव मिलने के बाद मेरठ पुलिस ने जांच शुरू की. फोन रिकॉर्ड से कुछ मदद मिली तो पुलिस ने पंजाब जाकर गुमशुदा लोगों के रिकॉर्ड खंगाले. आखिरकार यहां पुलिस को खोई हुई कड़ी मिली और एकता की हत्या की गुत्थी सुलझी. 

पुलिस ने बताया कि बाद में पुलिस शाकिब को लेकर उस घटनास्थल पर गई, जहां उन्होंने कथित रूप से उसका सिर और बाजू फेंके थे. पुलिस का कहना है कि यहां पर शाकिब ने एक पुलिसकर्मी से रिवॉल्वर छीनकर भागने की कोशिश की, जिसपर पुलिस ने उसके पैर में तीन गोलियां दाग दीं. फिलहाल वो हॉस्पिटल में है.

मंगलवार को पुलिस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एकता के परिवारवालों ने आरोपी पर हमला किया. पुलिस ने मौके को संभाल लिया. परिवारवालों का कहना है कि उन्होंने दोनों के संबंध को मंजूरी नहीं दी थी लेकिन सोशल मीडिया पर उसकी एक्टिविटी देखकर उन्होंने यही समझा था कि वो ठीक है.

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