MP Election Result 2019: भोपाल सीट से आगे चल रहीं साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ने तोड़ा मौन व्रत, कही यह बात...

Pragya Singh Thakur: मौन व्रत तोड़ने के तुरंत बाद साध्‍वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह पर बढ़त से वह बेहद खुश हैं. उन्‍होंने कहा, ‘वोटरों ने जो जवाब दिया है, उससे मैं बेहद खुश हूं.’

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Pragya Singh Thakur भोपाल सीट से Digvijaya Singh के खिलाफ मजबूत बढ़त बना चुकी हैं
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कहा, वोटरों ने जो जवाब दिया, उससे मैं खुश
एक लाख से ज्‍यादा वोटों से आगे हैं प्रज्ञा
चुनाव के दौरान अपने बयानों से सुखियों में रही थीं
भोपाल:

भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya Singh Thakur) ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh)के खिलाफ मजबूत बढ़त हासिल कर ली थी.मध्‍यप्रदेश के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव के दौरान अपने बयानों के कारण विवादों में रहने वाली प्रज्ञा इस समय एक लाख से अधिक वोटों से आगे हैं. अपने 21 पहर (63 घंटे) का मौन व्रत तोड़ने के तुरंत बाद बृहस्पतिवार को कहा कि अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह पर बढ़त से वह बेहद खुश हैं. प्रज्ञा ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘वोटरों ने जो जवाब दिया है, उससे मैं बेहद खुश हूं.'

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भोपाल लोकसभा सीट पर प्रज्ञा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह से 102144 मतों से आगे चल रहीं हैं. प्रज्ञा (Pragya Singh Thakur) ने अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मतदाताओं ने जो जवाब दिया है, उससे मैं बेहद खुश हूं.'इस दौरान उसके समर्थक ‘जय श्रीराम' के नारे लगा रहे थे. 20 मई की सुबह 21 पहर का मौन व्रत धारण करने के बाद प्रज्ञा ने ट्वीट किया था, ‘मतदान की प्रक्रियाओं के उपरान्त अब समय है चिंतन मनन का. इस दौरान मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा के अंतर्गत प्रायश्चित हेतु 21 प्रहर का मौन व कठोर तपस्यारत हो रही हूं. हरिः ॐ.'

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लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मालेगांव बम धमाके की आरोपी साध्वी प्रज्ञा (Pragya Singh Thakur) ने अपने बयानों से राजनीतिक महौल में गर्मी ला दी थी. उनका एक बयान था कि उन्होंने मुम्बई एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को श्राप दिया था और इसके एक माह बाद आतंकियों की गोलियों से उनकी मौत हो गई. साध्वी प्रज्ञा ने यह भी बयान दिया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान बाबरी मस्जिद का ढांचा ढ़हाने में शामिल होने पर उन्हें गर्व है. साध्वी प्रज्ञा की इन बयानों की सभी ने आलोचना की थी. यहां तक कि उनके दल भाजपा ने भी स्वयं को उनके बयानों से अलग कर लिया. चुनाव आयोग ने साध्वी के शहीद करकरे पर दिये गये बयान पर कार्रवाई करते हुए उन पर चुनाव प्रचार से 72 घंटे के लिए प्रतिबंध भी लगाया था. हाल ही में साध्वी प्रज्ञा फिर खबरों में तब आईं जब उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था. उनके इस बयान की भी सभी ने निंदा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां तक कहा कि साध्वी ने हालांकि इस पर माफी मांग ली है लेकिन वह उन्हें मन से माफ नहीं कर पाएंगे. (इनपुट: एजेंसी)

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