World Cancer Day 2025: हर साल 4 फरवरी के दिन विश्व कैंसर दिवस होता है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसपर जीवनशैली का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. विज्ञान भी इस बात पर जोर देता है कि अगर लाइफस्टाइल बेहतर हो तो कैंसर (Cancer) की चपेट में आने से बचा जा सकता है. कैंसर दिवस मनाने का मकसद भी यही है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी को लेकर सचेत और जागरूक किया जा सके और उन्हें कैंसर से बचे रहने के लिए क्या करना है क्या नहीं इसकी सही जानकारी दी जा सके. कैंसर तब होता है जब शरीर में एबनॉर्मल सेल्स की ग्रोथ जरूरत से ज्यादा होने लगे और शरीर के अलग-अलग हिस्से तक फैलने लगे. कैंसर को मैलिग्नेंट ट्यूमर और नियोप्लाज्म भी कहते हैं. कैंसर होने पर जान का खतरा भी रहता है. ऐसे में समय रहते अपनी जीवनशैली (Lifestyle) में सुधार किया जा सकता है जिससे कैंसर जैसी बीमारियां दूर रहें. यहां कुछ ऐसी ही जीवनशैली की बुरी आदतों का जिक्र किया जा रहा है जो कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में आती हैं.
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कैंसर की वजह बनने वाली लाइफस्टाइल की गलतियां
फिजिकल एक्टिविटी की कमीअगर आप फिजिकली फिट नहीं हैं और आपके लाइफस्टाइल में फिजिकल एक्टविटी यानी एक्सरसाइज वगैरह ना के बराबर है तो यह कैंसर के रिस्क फैक्टर्स (Cancer Risk Factors) में आता है. फिजिकल एक्टिविटी करते रहता और हेल्दी वेट कई तरह के कैंसर जैसे ब्रेस्ट कैंसर और एंडोमेटरियल कैंसर को दूर रखता है. हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की मॉडरेट इंटेंसिटी फिजिकल एक्टिविटी इंफ्लेमेशन को कम करती है, हार्मोन बैलेंस बढ़ाती है और इससे पूरे शरीर की सेहत दुरुस्त रहती है.
खानपान का कैंसर पर सीधा असर पड़ सकता है. वहीं, अगर शरीर में तंबाकू जैसी चीजें जा रही हैं या जरूरत से ज्यादा एल्कोहल का सेवन किया जा रहा है तो इससे भी कैंसर हो सकता है. तंबाकू के सेवन से फेफड़ों, गले और ओरल कैंसर होने की संभावना बढ़ती है. वहीं, बहुत ज्यादा ड्रिंक की जाए तो इससे लिवर, ब्रेस्ट और ऐसफेगस कैंसर का खतरा बढ़ता है.
लंबे समय तक तनाव हो तो इससे एक नहीं बल्कि कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. तनाव लेने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है. ऐसे में मेडिटेशन और योगा वगैरह करके तनाव से निजात पाया जा सकता है.
कैंसर की संभावना कम करने में खानपान की बड़ी भूमिका होती है. कोशिश यही रहती है कि कैंसर से बचे रहने के लिए खानपान को पोषण से भरपूर रखा जाएगा. खानपान में विटामिन, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होना जरूरी हैं. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचा रहता है जिससे सेलुलर डैमेज का खतरा भी कम होता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.