बगैर चादर सो नहीं पाते? जानिए इस आदत का साइकोलॉजी से क्या है कनेक्शन

कुछ लोग बगैर चादर ओढ़े क्यों नहीं सो पाते हैं. इस आदत के पीछे बचपन की कुछ बातें छुपी होती है.

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मैं कंबल के बिना सो क्यों नहीं पा रहा हूं?

Relation Of Habits With Psychology ; हमारी आदतों और चीजों के करने के तरीके पर साइकोलॉजी का गहरा असर होता है. खासकर हमारा बचपन जैसा बीतता है उसका असर हमारे पूरे जीवन पर पड़ता है और हम कुछ चीजों को किसी खास पैटर्न में करने लगते हैं. हाल ही में इंस्टाग्राम पर bhogalsakshi अकाउंट पर एक पोस्ट में इस बारे में बताया गया है. कुछ लोग बगैर चादर ओढ़े सो नहीं पाते (Blanket Me Sone Ki Aadat ) हैं. भले ही कितनी ही गर्मी पड़ रही हो, या फैल फुल स्पीड में चल रहा हो. अक्सर ये लोग चादर को अपने हाथों में कसकर पकड़कर और एक पैर चादर के बाहर निकालकर सोते हैं. इस आदत के पीछे कहीं कहीं हमारे बचपन की बातें जुड़ी हुई होती हैं. आइए जानते हैं क्यों कुछ लोग बगैर चादर ओढ़े क्यों नहीं सो पाते (Blanket Ke Bina Kyo Nahi Aati Hai Neend)  हैं और इस आदत के पीछे किस तरह की साइकोलॉजी (Blanket Me Sone Ki Aadat Ka Karan) होती है छुपी…

बगैर चादर ओढ़े नहीं सा पाने के कारण(Causes of can't sleep without covering )

बगैर चादर ओढ़े नहीं सो पाने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इस आदत का मनोविज्ञान से गहरा संबंध है. पोस्ट में बताया गया कि जिन लोगों का बचपन बहुत उठापटक और भावनात्मक रूप से असुरक्षित गुजरता है वैसे लोग यह आदत देखी जाती है. यह उनके लिए सर्दी से बचने के लिए नहीं बल्कि सुरक्षा के लिए होता है. वे खुद को चादर के सहारे सुरक्षित महसूस करते हैं और जो सुरक्षा उन्हें बचपन में कभी नहीं मिली होती है उसे वे चादर से पाने की कोशिश करते हैं. मनोविज्ञान के अनुसार इस आदत के साथ आराम, भावनात्मक जुड़ाव, और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का रिलीज होना शामिल है. चादर का दबाव सुरक्षा की भावना देता है, तनाव को कम करता है, और नींद को बढ़ावा देता है.  

नींद से जुड़ी आदतें

अच्छी नींद के साथ लोगों की कुछ आदतें जुड़ी होती है और लोग बिस्तर पर जाने से पहले उसे फॉलो करते हैं. कुछ लोग सोने से पहले नहाना पसंद करते हैं कुछ लोग गर्म दूध पीना पसंद करते हैं. कुछ लोगों को किसी खास स्थिति में ही अच्छी नींद आती है. इन सबसे सबसे आम आदत है चादर लेकर सोना. मौसम कोई भी हो, बगैर चादर के उन्हें नींद नहीं आती है. दरअसल जब हम सोते हैं तो बॉडी का तापमान गिरता है और यह सुबह 4 बजे सबसे कम हो जाता है. यह प्रक्रिया सोने से एक घंटे पहले शुरू हो जाती है और शरीर तापमान को कंट्रोल करने क्षमता खो देता है.  ऐसे में चादर या कंबल को पूरी रात गर्म रहने में मदद करता है और कंपकंपी से बचाता है. दूसरी बात, बिस्तर पर जाते समय अपने आप को एक कंबल में ढकना सर्कैडियन लय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

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