इमोशलन होने या ठंड लगने पर क्यों खड़े हो जाते हैं रोंगटे, जानिए कारण

इमोशलन फिल्म देखने या गाना सुनने से अजीब सा अनुभव होता है और बॉडी के सभी रोएं खड़े हो जाते हैं. ऐसे समय में बॉडी के सभी रोमछिद्र नजर आने लगते हैं. इसे रोंगटे खड़े होना कहते हैं.

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अचानक बॉडी के सभी बालों के खड़े हो जाने को पिलोइरेक्शन कहते हैं. 

Why do we get goosebumps: कभी-कभी कोई इमोशलन फिल्म देखने या गाना सुनने से अजीब सा अनुभव होता है और बॉडी के सभी रोएं खड़े हो जाते हैं. ऐसे समय में बॉडी के सभी रोमछिद्र नजर आने लगते हैं. यह अहसास ठंड लगने और भावुक होने पर भी अनुभव हो सकता है. बहुत अधिक भावुक होने और गहराई से किसी इमोशन को अनुभव करने पर बॉडी में होने वाली प्रतिक्रिया रोंगटों के खड़े होने के रूप में सामने आता है. रोंगटे खड़े हो जाना मुहावरा भी जिसका अर्थ बहुत डरने या भावुक होने से है. इसे पिलोइरेक्शन कहा जाता है. यह तंत्रिका से जुड़ी हुई प्रतिक्रिया है, लेकिन आखिर इसका संगीत से क्या रिश्ता है. आइए जानते हैं रोंगटे क्यों खड़े होते हैं और संगीत से इसका क्या रिश्ता है.....

रोंगटे क्यों खड़े होने का कारण

अचानक बॉडी के सभी बालों के खड़े हो जाने को पिलोइरेक्शन कहते हैं. आम तौर पर इसे रोंगटे खड़े होना कहा जाता है. ऐसा तब होता है जब हेयर फॉलिकल से जुड़े मसल्स सिकुड़ जाती हैं. यह तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक स्वैच्छिक प्रतिक्रिया है.

संगीत से रिश्ता

हाल ही रोंगटे खड़ होने और संगीत के संबंध पर किए गए रिसर्च के अनुसार हमारे ब्रेन के दो भाग होते हैं एक भावनात्मक और दूसरा सोच से जुड़ा होता है. ये दोनों अलग अलग स्थितियों में अलग अलग तरह से प्रतिक्रिया करते हैं. भावनात्मक पक्ष इमोशनल स्थितियों में स्वैच्छिक प्रतिक्रिया करता है जिससे रोंगटे खड़े होते हैं. जब हम बहुत तेज इमोशन फील करते हैं तो स्किन के नीचे इलेक्ट्रिक गतिविधियां शुरू हो जाती हैं, जिसके कारण रोंगटे खड़े हो जाते हैं. यह बहुत तीव्र इमोसंस से जुड़ी हुई प्रतिक्रिया है और ये किसी खास मेडिकल कंडीशन का संकेत नहीं होते हैं.

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इस समय भी खड़े होते हैं रोंगटे

कुछ बीमारियों में बहुत अधिक ठंढ लगने के कारण भी रोंगटे खड़े होते हैं. तेज बुखार, इंन्फ्लूएंजा और ठंड लगने पर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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