Sleeping divorce kya hai : पहली नजर में, "स्लीप डिवोर्स" शब्द का मतलब रिश्तों में होने वाली परेशानियों से लग सकता है. जबकि यह एक ऐसा है आईडिया है, जिसे आजकल ज्यादातर कपल्स अपनी नींद और रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए अपना रहे हैं. स्लीप डिवोर्स का मतलब है रोमांटिक पार्टनर का रात में एक ही बिस्तर पर सोने के बजाय अलग-अलग कमरों में सोना. आखिर कपल्स आजकल क्यों इसे अपने रिलेशन का हिस्सा बना रहे हैं और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं, आगे आर्टिकल में विस्तार से बताया जा रहा है...
क्यों कपल्स अपना रहे हैं स्लीप डिवोर्स - Why couples are opting for sleep divorce
आजकल पति पत्नी के बीच स्लीप डिवोर्स अपनाने का कारण पार्टनर का खर्राटे लेना, देर तक मोबाइल चलाना है, जिससे दूसरे साथी की नींद खराब होती है. ऐसे में फिर दूसरे कमरे में जाकर चैन की नींद सोना मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. इससे आप पूरा दिन ऊर्जावान महसूस करते हैं और आपके आपसी रिश्ते भी खराब नहीं होते हैं.
वहीं, कपल्स का अलग-अलग कमरों में सोने का कारण किसी एक का स्लीप एपनिया भी हो सकता है, ऐसे में फिर स्लीप डिवोर्स अपनाना दोनों की हेल्थ के लिए अच्छा है. इसके साथ स्लीप डिवोर्स आपको पर्सनल स्पेस भी देता है. यह रिश्ते में नयापन लाता है और आप एक दूसरे से और करीब आ जाते हैं.
कई बार कुछ वजहों से कपल्स के बीच भावनात्मक दूरी आ जाती है, ऐसे में जब पार्टनर अलग-अलग सोते हैं, तो फिर उन्हें अपने रिश्तों पर विचार करने का मौका मिलता है और उन कमियों को कैसे दूर किया जाए इस बारे में भी अच्छे सोच पाते हैं.
स्लीप डिवॉर्स के फायदे - Benefits of Sleep Divorce
- बेहतर मानसिक स्वास्थ्य.
- बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य.
- इससे आपसी रिश्ते बेहतर होते हैं.
- वहीं, अच्छी नींद से प्रोडक्टिविटी बढ़ती है.
हर सिक्क के दो पहलू होते हैं. इसके फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है...
- इससे रिश्ते में भावनात्मक दूरी भी आ सकती है.
- यह इंटिमेसी में कमी लाती है.
- ऐसे रिश्तों में अगर बच्चे हैं, तो उन पर भी इसका नकारात्मक असर हो सकता है.
- दोनों पार्टनर मानसिक रूप से अस्वस्थ हो सकते हैं. यह तनाव, चिंता और अवसाद का कारण बन सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.