Eating with Hands: खाना खाना सिर्फ पेट भरने का काम नहीं है, यह हमारी संस्कृति,आदत और परंपराओं का भी हिस्सा है. दुनिया के कई हिस्सों में लोग आज भी हाथों से खाना (Cultural tradition of eating with hands in India) पसंद करते हैं और इसे हेल्दी और नेचुरल तरीका (Health benefits of eating food with hands) मानते हैं. लेकिन क्या यह सिर्फ आदत है या इसके पीछे वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक वजह भी है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे किन देशों में लोग हाथों से खाना (Is eating with hands better than using spoon) खाते हैं, हाथ से खाने के फायदे और सावधानियां और इसे लेकर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं.
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किन देशों में लोग हाथों से खाते हैं
दुनिया के कई देशों में लोग आज भी खाने के लिए हाथों का इस्तेमाल करते हैं. भारत, पाकिस्तान, नेपाल, इंडोनेशिया, इथोपिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में हाथों से खाना खाने की परंपरा आज भी है. उनका मानना है कि सेहत के लिए यह काफी फायदेमंद है.
खाना हाथ से खाना चाहिए या चम्मच से
हाथों से खाना और चम्मच से खाना दोनों के अपने फायदे हैं. चम्मच या फॉक का इस्तेमाल अक्सर सफाई और सुविधाजनक खाने के लिए किया जाता है, जबकि हाथों से खाना ज्यादा इंटरेक्टिव होता है. भारतीय परंपरा में हाथों से खाना खाने को अच्छा माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, यह खाना पचाने में भी मदद करता है. हाथों से खाना खाने से मुंह और हाथ के बीच संपर्क बनता है, जो पेट भरने और खाने का स्वाद बढ़ाता है.
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क्या हाथों से खाना खाना अच्छा है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, हाथों से खाना खाना कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है. सबसे पहले यह धीरे-धीरे खाने में मदद करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है. दूसरा, हाथों से खाना खाने में फूड का टेंपरेचर और बनावट महसूस की जा सकती है, जो मुंह में सही मात्रा में स्वाद का अनुभव कराती है. हालांकि, यह तभी फायदेमंद होता है, जब हाथ पूरी तरह साफ हों. गंदे हाथों से खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
हाथ से खाना क्यों खाते हैं
हाथों से खाना खाने के पीछे सिर्फ परंपरा ही नहीं बल्कि मनोविज्ञान और सेहत के कारण भी शामिल हैं. आयुर्वेद के अनुसार, हाथों के अंगुलियों में भोजन को महसूस करने की ताकत होती है, जो मुँह और दिमाग को खाने के लिए तैयार करती है. इसके अलावा, हाथों से खाते समय हम ज्यादा अलर्ट रहते हैं और पेट भरने का अहसास करते हैं. कई संस्कृतियों में इसे परिवार और सामूहिक भोजन के दौरान प्यार, सम्मान और सहयोग का प्रतीक भी माना जाता है.
हाथों से खाने का मनोविज्ञान क्या है
मनोवैज्ञानिक तौर से हाथों से खाना खाने का संबंध 'सेंसरी फीडबैक' से होता है. किसी भी फूड को हाथ से छूने, दबाने और मसलने से ब्रेन को सिग्नल्स मिलता है कि भोजन तैयार है और इसे धीरे-धीरे खाया जाए. यह प्रक्रिया भूख और संतुष्टि के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करती है. इसके अलावा, बच्चों को हाथों से खाना खाने से स्वाद और बनावट के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे उनके खाने की पसंद बेहतर होती है.
उल्टे हाथ खाना खाने से क्या होता है
आमतौर पर दायें हाथ से खाना खाने की सलाह दी जाती है. उल्टे हाथ (बाएं हाथ) से खाना खाने को असभ्य या अशुद्ध माना जा सकता है. हालांकि, अगर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाए तो सेहत पर कोई सीधा असर नहीं पड़ता है. सिर्फ सामाजिक और सांस्कृतिक नजर से इसे सही नहीं माना जाता है.
हाथ से चबाकर खाए जाने वाले भोजन को क्या कहते हैं
हाथ से चबाकर खाने वाले भोजन को अक्सर 'हाथ का खाना' या पारंपरिक शब्दों में 'थाली भोजन' कहा जाता है. इसमें हाथों का इस्तेमाल करते हुए भोजन को छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है और धीरे-धीरे चबाया जाता है. इस प्रक्रिया को आयुर्वेद में भी महत्व दिया गया है, क्योंकि यह भोजन को सही तरीके से मुंह में मिलाता है और पाचन में मदद करता है.