Achhi Saas Kaise Bane: हर सास का सपना होता है कि उनका घर खुशियों से भरा रहे और बहू उन्हें अपनी मां की तरह मानें. दरअसल, हमारे घरों में सास-बहू का रिश्ता सबसे दिलचस्प और संवेदनशील माना जाता है. एक ही घर में रहते हुए भी दोनों पीढ़ियों की सोच, आदतें और लाइफस्टाइल में अंतर होता है. ऐसे में छोटी-छोटी बातों से भी गलतफहमियां बढ़ जाती हैं. लेकिन अगर सास चाहे, तो यह रिश्ता सिर्फ रिश्ता नहीं बल्कि मां-बेटी जैसा गहरा बंधन बन सकता है. तो आइए जानते हैं अच्छी सास बनने के वो आसान और दिल छू लेने वाले तरीके, जो आपके घर में प्यार और खुशहाली दोनों लेकर आएंगे.
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सास का व्यवहार कैसा होना चाहिए | How should a mother-in-law behave
बहू को बेटी की तरह अपनाइए
शादी के बाद हर नई बहू एक नई दुनिया में कदम रखती है. उसका मन डर, उत्साह और उम्मीदों से भरा होता है. ऐसे में सास का व्यवहार बहुत मायने रखता है. अगर आप उसे बेटी की तरह अपनाती हैं, तो वो भी आपको अपनी मां मानने लगेगी. बहू को खुद को एक्सप्रेस करने का स्पेस दें. उसे हर काम में अपनी राय देने दें. जब आप अपनापन दिखाएंगी, तो वो खुद-ब-खुद आपकी इज्जत, भरोसा और प्यार से घर को संभालेगी.
डांट या ताने नहीं, प्यार से समझाइए
कभी कोई गलती हो जाए तो उसे लेकर तनाव न बढ़ाएं. हर इंसान गलतियां करता है, सास भी, बहू भी. अगर बहू से कोई काम ठीक से न हो, तो उसे प्यार और अनुभव से सिखाइए. जब आप 'मैंने भी शुरुआत में ऐसी गलती की थी' जैसे शब्द बोलेंगी, तो उसे सुकून मिलेगा और वो खुलकर आपके पास हर बात कह पाएगी.
रीति-रिवाजों को प्यार से सिखाइए, जबरदस्ती नहीं
भारतीय परंपराएं हमारी पहचान हैं, लेकिन वक्त के साथ फ्लैक्सिबिलिटी जरूरी है. अगर आपकी बहू थोड़ी मॉडर्न सोच रखती है, तो उसे उसकी तरह रहने दें. प्यार से अपने रीति-रिवाज, व्रत, पूजा-पाठ और त्योहारों के महत्व समझाइए. जब वो महसूस करेगी कि आप उसे कंट्रोल नहीं कर रहीं, बल्कि जोड़ना चाहती हैं, तो वो खुद उन परंपराओं को दिल से अपनाएगी.
पहनावे और सोच में खुलापन दिखाइए
समय बदल गया है. आज की बहुएं ऑफिस जाती हैं, करियर बनाती हैं और समाज में अपनी पहचान रखती हैं. अगर आपकी बहू थोड़ा अलग पहनावा या हेयरस्टाइल पसंद करती है, तो उस पर टोका-टाकी न करें. उसे कॉन्सिफेंस से जीने दें. याद रखिए सम्मान वहां से शुरू होता है, जहां हम दूसरे की पसंद को स्वीकार करते हैं.
तुलना करने से बचिए
बहू की तुलना अपनी बेटी, पड़ोसी या रिश्तेदारों से मत कीजिए. हर इंसान की अपनी खूबियां और कमजोरियां होती हैं. तुलना करने से आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती है और रिश्ता कमजोर होता है. अगर आप बहू की तारीफ करेंगी, तो वो और भी मेहनत से परिवार को संभालेगी.
घर के फैसलों में बहू को शामिल करें
घर सिर्फ सास या बहू का नहीं होता, बल्कि दोनों की साझेदारी से चलता है. खासकर बजट, त्योहारों की तैयारी या रिश्तेदारों को बुलाने जैसे फैसलों में बहू की राय लीजिए. जब उसे लगेगा कि उसकी राय की अहमियत है, तो वो पूरे दिल से घर को अपना मानेगी.
समस्याओं को बातचीत से सुलझाएं
अगर किसी बात पर मतभेद हो जाए, तो चुप्पी या झगड़े से बचें. बहू से खुलकर बात करें. यह हमेशा सॉल्यूशन लाता है. जब बातचीत का रिश्ता मजबूत होगा, तो घर में मनमुटाव की जगह प्यार रहेगा.
बहू के काम की तारीफ करें
कभी-कभी एक 'बहुत अच्छा बनाया आज खाना' या 'तुम्हारे बिना घर अधूरा लगता है' जैसी लाइन भी चमत्कार कर देता है. बहू को महसूस कराएं कि वो इस घर का अहम हिस्सा है. छोटी-छोटी तारीफें बड़े रिश्ते मजबूत करती हैं.
बहू को उसका स्पेस दीजिए
हर इंसान को थोड़ा पर्सनल टाइम चाहिए, चाहे वो बहू हो या सास. अगर बहू कभी थकी हो या थोड़ा वक्त अपने परिवार से बिताना चाहती हो, तो उसे स्पेस दीजिए. ध्यान रखना चाहिए प्यार तब बढ़ता है जब रिश्तों में आजादी होती है.