बच्चे को जबरदस्ती सुबह उठाकर पढ़ाते हैं आप, तो जान लीजिए ये कितना सही

अगर आप बच्चे को सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करने का प्रेशर बना रहे हैं तो इसका उसकी पढ़ाई के साथ साथ शारीरिक और मानसिक विकास पर भी असर पड़ेगा.

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बच्चों को सुबह उठाकर पढ़ाना सही है, चलिए जानते हैं.
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  • क्या आप सोचते हैं सुबह की पढ़ाई याद रहती है.
  • और बच्चे को जबरदस्ती पढ़ाते हैं.
  • तो चलिए बताते हैं यह कितना सही है.
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Study Pressure: एग्जाम चल रहे हैं औऱ ऐसे में बच्चों के साथ साथ उनके पेरेंट्स (Parents) भी जबरदस्त प्रेशर में हैं. कई बार पेरेंट्स बच्चों पर पढ़ाई का दवाब बनाते वक्त सोचते हैं कि बच्चे को जल्दी उठकर पढ़ने (Morning Studies) से सब कुछ अच्छे से याद होगा. आमतौर पर ये कहा भी जाता है कि सुबह जल्दी उठकर की गई पढ़ाई फायदेमंद होती है क्योंकि उस समय पढ़ने वाले का मन ताजा और दिमाग शांत (Peacefull Mind) होता है. लेकिन क्या ये हर बच्चे के लिए सही होता है? देखा जाए तो अगर आप बच्चे पर सुबह जल्दी उठकर पढ़ने का दबाव बना रहे हैं तो इसका बच्चे को ही नुकसान हो सकता है. चलिए जानते हैं कि बच्चे पर सुबह जल्दी उठकर पढ़ने का प्रेशर बनाने पर क्या होगा.  

सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करने का प्रेशर बनाने के नुकसान  : आपको बता दें कि हर बच्चे की कैपेसिटी, सीखने की क्षमता और पढ़ने का तरीका अलग अलग होता है.कुछ बच्चे एक घंटा पढ़कर भी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं और कुछ बच्चे घंटों बैठकर भी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते. ऐसे में जरूरी है कि बच्चे पर पढ़ने के लिए समय तय करने का दबाव ना बनाएं. सुबह जल्दी उठकर पढ़ना कुछ बच्चों के लिए अच्छा हो सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि ये बात सब बच्चों पर लागू हो. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्चों को अच्छी पढ़ाई और डेवलपमेंट के लिए एक बेहतर और कम से कम 8 से 10 घंटों की नींद चाहिए. ऐसे में अगर आप बच्चे को जल्दी उठकर पढ़ाएंगे तो उसकी नींद पूरी नहीं हो पाएगी और उसकी डेवलपमेंट पर बुरा असर पड़ेगा. इससे उसकी सेहत और सीखने की क्षमता पर भी उल्टा असर हो सकता है. 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट : एक्सपर्ट कहते हैं कि हर बच्चे का बायोलॉजिकल क्लॉक अलग अलग होता है. कुछ बच्चे रात में अच्छी पढ़ाई कर पाते हैं और कुछ दिन में. ऐसे में अपने बच्चे का क्लाक जाने बिना उस पर सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई का प्रेशर बनाना गलत होगा. वो जिस समय पढ़ाई करने में सहज है,उसे उसी समय पढ़ाई करने के लिए जागरुक करें. जिन घरों में परिवार रात को देर से सोता है, वहां खासतौर पर बच्चे पर जल्दी उठकर पढ़ने का प्रेशर बनाना उसके साथ अन्याय होगा. इससे बच्चा सही से पढ़ भी नहीं पाएगा और उस पर थकान और नींद हावी रहेगी. इससे दिन भर वो थका हुआ महसूस करेगा और किसी चीज पर फोकस भी नहीं कर पाएगा.

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