दिल की बीमारियों और कैंसर से बचाव करने में नाकाम हैं विटामिन डी और ओमेगा 3 सप्लीमेंट्स, स्टडी में हुआ खुलासा

Vitamin D and Omega-3 : अगर आप भी दिल को रिस्क से बचाने के लिए विटामिन डी या ओमेगा 3 के सप्लीमेंट ले रहे हैं तो आपको ये जानकारी होनी चाहिए.

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Benefits of Omega-3 : स्टडी ये कहती है कि ये दोनों ही सप्लीमेंट्स शरीर में हड्डियों को मजबूत करते हैं.

Vitamin D For Health: स्वस्थ रहने के लिए शरीर को हर तरह के पोषण की जरूरत होती है और ऐसे में नए दौर में लोग सप्लीमेंट्स (Suppliments) पर भरोसा कर रहे हैं. हर तरह के न्यूट्रिएंट्स को आजकल सप्लीमेंट के रूप में लिया जा सकता है. लोग भरोसा करते हैं कि न्यूट्रिएंट्स के ये सप्लीमेंट्स उनकी सेहत (Health) को दुरुस्त रखेंगे और उनको बड़ी बीमारियों से भी बचाएंगे. विटामिन डी और ओमेगा-3 (Vitamin D And Omega 3) के सप्लीमेंट्स भी यही सोचकर लिए जाते हैं. लेकिन हाल ही में कराया गया एक शोध इस संबंध में कुछ और ही कह रहा है.

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 विटामिन डी और ओमेगा 3 को लेकर हैरान करने वाला खुलासा

पिछले दिनों ब्रिघम एंड वूमन अस्पताल द्वारा कराई गई एक स्टडी में कहा गया है कि विटामिन डी और ओमेगा 3 के सप्लीमेंट्स लेने से कैंसर और दिल के गंभीर रोगों के रिस्क कम नहीं हो सकते. इस स्टडी के वाइटल ट्रायल लीड डॉ. जोएन मैनसन ने शोध के बाद कहा कि उन्होंने ये जानने के लिए शोध किया कि क्या ये सप्लीमेंट्स लेकर  कैंसर और ​हार्ट डिजीज को रोकने में मदद मिल सकती है. स्टडी में पाया गया कि इन दोनों ही सप्लीमेंट्स के सेवन से कैंसर और दिल की बीमारी के रिस्क कम नहीं हो सकते. अध्ययन में देखा गया कि कैंसर और हार्ट डिजीज के रिस्क इन सप्लीमेंट्स को लेने वालों में भी थे और इनको ना लेने वालों में भी थे. हालांकि स्टडी ये कहती है कि ये दोनों ही सप्लीमेंट्स शरीर में हड्डियों को मजबूत करते हैं और इनके सेवन से इम्यूनिटी बेहतर हो जाती है. 

 सिर्फ सप्लीमेंट्स पर डिपेंडेंट रहना सही नहीं

आपको बता दें कि आमतौर पर ओमेगा 3 सप्लीमेंट को उसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के चलते हार्ट डिजीज के रिस्क को कम करने के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है. लेकिन शोध कहता है कि ये सप्लीमेंट ह्लदय रोग के जोखिम कम नहीं करता है. ऐसे में लोग अगर इस सप्लीमेंट को ज्यादा भी लेते हैं तो भी इसका खास असर नहीं होगा. वहीं विटामिन डी के सप्लीमेंट की बात करें तो इसे भी कैंसर और हार्ट डिजीज को रिस्क को कम करने में असफल पाया गया. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के दौरान पार्टिसिपेंट्स को डेली 2000 आईयू की भी खुराक दी, लेकिन इससे भी बेहतर रिजल्ट नहीं मिल पाया. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि किसी भी मेडिकल कंडीशन या बीमारी के रिस्क को रोकने में केवल सप्लीमेंट्स का सेवन कारगर नहीं हो सकता है. इसलिए लिए हेल्दी लाइफस्टाइल, सही डाइट, नियमित एक्सरसाइज, जीन्स और व्यक्ति की हेल्थ मायने रखती है.

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