लीची भिगोकर खाना क्यों है जरूरी जानिए यहां, बिना सोक्ड लीची आपकी सेहत को कर सकता है खराब

इन्हें कभी भी मिठाई के रूप में या भोजन के अंत में न खाएं क्योंकि जब पेट भरा होता है, तो फल के पोषक तत्व अवशोषित नहीं हो पाते हैं.  इसलिए इन्हें खाली पेट या भोजन के बीच में नाश्ते के रूप में खाएं.

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लीची आपको हमेशा भिगोकर खाना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है.

Litchi ke kya hain fayade : लीची एक गर्मियों का फल है. इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं.  लीची का आकार और चमकदार छिलका, मीठा, रसदार और गूदा से भरपूर होता है. लीची में हाई लेवल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सेल्स को खराब होने से बचाती हैं. सीथ ही गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित करती हैं. लेकिन इसको खाने से पहले आपको कुछ सावधानियों के बारे में जानना जरूरी है. तो आइए जानते हैं लीची को लेकर आपको क्या सावधानियां बरतने की जरूरत है. 

लीची खाने का सही तरीका क्या है

लीची आपको हमेशा भिगोकर खाना चाहिए क्योंकि इसकी तासीर गरम होती है, ऐसे में आपको इसको भिगोकर ही खाना चाहिए. नहीं तो आप बीमार पड़ सकते हैं. अगर आप इसे डायरेक्ट खाएंगे तो यह आपके पेट की गर्मी को बढ़ा सकती है. जिससे शरीर में दाने और पेट खराब हो सकता है. 

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एक दिन में कितना लीची खाएं

लीची में पोटैशियम, विटामिन सी, विटामिन ई, आयरन, फाइबर, मैग्नीज, फॉस्फोरस, एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं. इससे मेटाबॉलिज्म मजबूत होती है. एक दिन में 2-3 लीची खाएं जबकि एडल्ट 5-6 लीची एक दिन में खा सकते हैं.

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लीची विटामिन सी (vitamin c) का भंडार होती है. इस लिहाज से यह प्रतिरक्षा को मजबूत करती है और कोलेजन के उत्पादन में बढ़ावा, जिससे आपकी त्वचा मुलायम बनी रहती है.

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लीची का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (glycemic index) 50 है, जिसका मतलब है कि बल्ड शुगर में तेजी से वृद्धि नहीं करते हैं, लेकिन उनमें फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होती है. इसलिए, मधुमेह रोगियों को इनका सेवन सीमित करना चाहिए.

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आमतौर पर कच्ची लीची में हाइपोग्लाइसिन नामक एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एमिनो एसिड व्युत्पन्न होता है जो शरीर की ग्लूकोज बनाने की क्षमता को बाधित करता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया (कम रक्त शर्करा) होता है. इसलिए खाली पेट कच्ची लीची न खाएं. 

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लीची खाने का सबसे अच्छा समय क्या है? 

इन्हें कभी भी मिठाई के रूप में या भोजन के अंत में न खाएं क्योंकि जब पेट भरा होता है, तो फल के पोषक तत्व अवशोषित नहीं हो पाते हैं.  इसलिए इन्हें खाली पेट या भोजन के बीच में नाश्ते के रूप में खाएं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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