Haldi ke fayde : हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसके बिना भारतीय खाना पूरा ही नहीं होता है. यह खाने में रंग और स्वाद दोनों लाती है, जिसके कारण खाने का मजा दोगुना हो जाता है. इससे न सिर्फ खाना स्वादिष्ट बनता है बल्कि स्वास्थ्य भी दुरुस्त (Health benefits of haldi) रहता है. इस वजह से ही इसका मसालों में विशेष स्थान है. हल्दी जिनके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है कंट्रोल करने में बहुत कारगर होती है. बस इस्तेमाल कैसे करना है इसके तरीके के बारे में इस लेख में हम आपको बताएंगे.
ऐसे कंट्रोल करना होगा यूरिक एसिड | Haldi control uric acid
-यूरिक एसिड बढ़ी हुई है, तो आप रोजाना हल्दी दूध का सेवन करें इससे रक्तचाप की गति नियंत्रित रहती है और पाचन तंत्र भी मजबूत बना रहता है.
-अगर डायबिटीज के मरीज रोजाना दूध में हल्दी और काली मिर्च (Black pepper) मिलाकर नाश्ते के वक्त पीते हैं तो आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा.
-ब्लड शुगर बढ़ने का कारण हाई कोलेस्ट्रॉल (turmeric in cholesterol) भी होता है. ऐसे में हल्दी के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण इसे कंट्रोल करने में मदद करेंगे. इसे खाने से माइग्रेन की समस्या से भी राहत मिलती है. इसका सेवन पानी में मिलाकर कर सकती हैं.
-एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण हल्दी के संक्रमण से बचाने में बहुत कारगर होती है. यह शरीर में होने वाली किसी भी सूजन को ठीक करने में सहायक होती है. हल्दी पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करती है. यह पेचिश , कब्ज, पेट में ऐंठन जैसी परेशानियों में रामबाण है.
-पीली हल्दी रक्तस्राव को रोकने में मदद करती है. इसको चोट और मोच में लेप की तरह लगाया जाता है. इसके अलावा जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है. आपको बता दें कि हल्दी को एक औषधीय जड़ी बूटी के रूप में मान्यता प्राप्त है. इसमें विभिन्न जैव सक्रिय यौगिकों का मिश्रण मिलता है, जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.