चीन से लेकर भारत, सिंगापुर से लेकर फिलिपिंस और जपान से लेकर थाइलैंड तक, हाउ वुमेन वर्क, एक ऐसी किताब है जो एशियाई कामकाजी महिलाओं का अवलोकन करती है. महिला लीडर ही नहीं बल्कि उनके पार्टनर का भी आने वाली यह किताब अवलोकन करेगी जिसे आरती केलशिकर ने लिखा है, इस लक्ष्य के साथ कि इस किताब के जरिए दुनिया के सबसे विभिन्न क्षेत्र की महिला लीडरशिप को समझा जा सके. आने वाली 25 फरवरी के दिन यह किताब रिलीज होने जा रही है.
किताब पर बात करते हुए केल्शिकर कहती हैं, "मैने यह किताब लिखी जिससे एशियाई नजर से एशिया में महिलाओं की सफलता और लीडरशिप पर एक विस्तृत दृष्टिकोण प्रदान किया जा सके, जिसे मैने महसूस किया कि एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसपर अध्ययन और जिसका प्रदर्शन किया जाना जरूरी है. यह किताब आपको कई स्तरों पर खुद से संबंधित लगेगी, यह आपको मुस्कुराने पर मजबूर कर देगी, आपको 'अहा' कहने वाले अनुभन मिलेगें, आपको सफलता का जश्न मनाना और सीखते रहना याद दिलाएगी यह किताब. सबसे बढ़कर, इस किताब से आपको प्रेरणा मिलेगी जिससे आप खुद ब खुद सफलता की और बढ़ने लगेंगे." केल्शिकर 'हाउ इंडिया वर्क्स: मेकिंग सेंस ऑफ ए कॉम्पलेक्स कॉर्पोरेट कल्चर' की भी लेखिका हैं.
क्या एशियाई महिला लीडरों को परिभाषित करने वाले नियम पश्चिमी महिला लीडरों को परिभाषित करने वाले नियमों से भिन्न हैं? पूरे एशिया में महिला लीडरों को किस तरह से देखा जाता है? वे कौनसी सांस्कृतिक बाधाएं और पूर्वाग्रह हैं जिनसे वे जूझती हैं? पुस्तक में संबोधित कुछ प्रश्न हैं.
इसके अलावा यह उन कौशलों और रणनीतियों को भी बताती है जो आधुनिक कामकाजी लीडर के लिए नुकसान से बचने के लिए ध्यान रखनी जरूरी हैं, जिसमें वे (केल्शिकर) एशियाई गोलार्ध में नेतृत्व और संस्कृति के बीच जटिल संबंधों की जांच-परख करती हैं.
पब्लिशिंग हाउस हार्परकॉलिंस के अनुसार, 'यह किताब इस बात का जश्न है कि महिलाएं किस तरह से काम की जगह पर सफलता के संदर्भ में नियमों को एकबार फिर लिख रही हैं.'
हार्परकॉलिंस के एक्जेक्यूटिव एडिटर सचिन शर्मा के अनुसार, "इस किताब को सबसे खास यह बनाता है कि आरती केल्शिकर पाठकों को पूरे एशिया के सफर पर लेकर जाती हैं जिसमें सांस्कृतिक और भौतिक सीमाओं से ऊपर उठकर महिलाएं चुनौतियों का सामना कर रही हैं और अपने करियर में आगे बढ़ रही हैं. हर भावी महिला लीडर को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए."