Yoga in high sugar level : डायबिटीज (Diabetes) ऐसी बीमारी है जिसमें बॉडी पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाती है जिसके कारण ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने लग जाता है. भारत सही अन्य देशों में यह बीमारी अब बहुत आम हो चुकी है. हर साल लाखों मामले मधुमेह के आते हैं. आपको बता दें कि इस गंभीर बीमारी की चपेट में आने का सबसे बड़ा कारण लाइफस्टाइल (Lifestyle) का सही ना होना है. आजकल लोगों की जिंदगी इतनी भागदौड़ भरी हो चुकी है कि उनके खाने से लेकर उठने तक का कोई सही समय नहीं होता है. जिससे बॉडी को सही तरीके से पोषण और आराम नहीं मिल पाता है. लेकिन अगर दिनचर्या में सुधार कर लिया जाय तो समय रहते आप मधुमेह जैसी अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बच जाएंगे. यहां लेख में 3 योगासनों के बारे में बताया जा रहा जिसे करने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा और स्ट्रेस भी दूर होगा.
हाई शुगर लेवल में करें ये योगासन | Yogasans in high blood sugar level
कपालभाति | Kapalbhati
यह ब्रीदिंग एक्सरसाइज ब्रेन सेल्स को मजबूत और एक्टिव बनाता है. साथ ही इससे पेट को भी मजबूत मिलती है. कपालभाति प्राणायाम करने से शरीर में ब्लड फ्लो अच्छा होता है जो कि मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है.इसे करने के लिए आप पहले आराम से योगा मैट पर बैठ जाएं फिर सांस को अंदर बाहर छोड़ें. सांस लेते हुए आप पेट को जितना अंदर की तरफ ले जाएंगे यह योग उतना आपके लिए फायदेमंद होगा.
यह आसन भी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत जरूरी है. यह योगासन शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक होती है. इसे करने के लिए आपको पेट के बल लेट जाना है फिर दोनों घुटनों को मोड़कर पेट के पास लाएं फिर अपने हाथों से पंजों को पकड़ें.इसके बाद सिर, ब्रेस्ट और थाई को ऊपर की ओर उठाएं. अपने शरीर का वेट पेट के निचले हिस्से पर लाने की कोशिश करें और शरीर को आगे की और स्ट्रेच करने की कोशिश कीजिए. इस पोज में आप 20 सेकेंड तक रह सकते हैं.
ये आसन करने से भी डायबिटीज रोगियों को बहुत राहत मिलती है. इस आसन का अर्थ होता है शरीर के आधे हिस्से को मोड़ना. इसके अभ्यास से भी ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा. इसको करने से कब्ज, सर्वाइकल, पीरियड में होने वाली परेशानी से राहत मिलेगी.
इसे करने के लिए आप पैरों को सामने की ओर फैलाते हुए बैठ जाएं. इस दौरान रीढ़ की हड्डी सीधी रहे. अब आपको बाएं पैर को मोड़ते हुए इसकी एड़ी को दाएं पैर के कुल्हे पर रखिए. अब आप बाएं हाथ को दाहिने घुटने पर रखें और दाहिने हाथ को पीछे की ओर ही रखें. अब आपको कमर, कंधे और गर्दन को दाहिनी तरफ मोड़कर दाहिने कंधे के ऊपर से देखना है. इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए इस योगासन से बाहर आएं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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