खाट पर सोने के फायदे? क्या खाट आपकी पीठ के लिए बेहतर है, जान‍िए यहां पर

क्या खाट पर सोना आरामदायक है? एक जमाना था जब गांव में कोई शादी से रिलेटेड छोटा-मोटा फंक्शन होता था, तो मेहमानों के लिए लाइन से खटिया लगा दी जाती थीं.

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किस प्रकार की खाट सबसे अच्छी है?

Benefits of sleeping on a cot : खाट, खटिया और चारपाई (sleeping on a cot) तीनों एक ही और आज भी कई गांव और शहरों में लोग चारपाई पर सोते हैं. बड़ी-बड़ी कोठियों के एक कमरे में आपको खटिया जरूर मिलेगी. एक जमाना था जब गांव में कोई शादी से रिलेटेड छोटा-मोटा फंक्शन होता था, तो मेहमानों के लिए लाइन से खटिया लगा दी जाती थीं. आज भी कई गांवो में ऐसा होता है. खटिया पर बैठने और सोने के अपने अलग फायदे-नुकसान हैं. खटिया पर सोने से क्या होता है और इसके फायदे-नुकसान क्या है, चलिए हम आपको बताते हैं.

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खाट पर सोने के फायदे (Benefits of sleeping on a cot)

कमर और रीढ़ की हड्डी में आराम

खटिया की हल्की लचकदार और मजबूत सतह पीठ और रीढ़ की हड्डी को संतुलन में रखती है, जिससे गर्दन, कूल्हे और कमर दर्द से राहत मिलती है.

ब्लड सर्कुलेशन

खाट पर सोने से शारीरिक वजन समान रूप से अलग-अलग हिस्सों में बट जाता है और इसी कारण खाट पर सोने से बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है.

मांसपेशियों में आराम

सख्त गद्दों या फर्श पर सोने से शरीर में जकड़न आ जाती है, लेकिन खाट के मामले में ऐसा नहीं है. खाट की सतह शरीर की बनावट के अनुसार बदलती है, जिससे मांसपेशियों में जकड़न नहीं होती और शरीर को बड़ा आराम पहुंचता है.

डाइजेशन में सुधार

पाचन संबंधी बीमारी कई कारणों से हो सकती है, लेकिन अगर आप खाट पर नियमित रूप से सोते हैं, तो आपकी पाचन क्रिया में बड़ा सुधार आ सकता है. खटिया पर सोने के दौरान पैर और सिर पर ऊंचे रहते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्या नहीं होती है.

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गलत पोस्चर में सुधार

सख्त जगह पर सोने से शारीरिक पोस्चर खराब हो जाता है. इसमें रीढ़ की हड्डी और सिर के शेप को बड़ा नुकसान पहुंचता है, लेकिन खाट पर सोने से शारीरिक बनावट बिगड़ने का कोई डर नहीं रहता है.

खाट पर सोने के नुकसान (disadvantages of sleeping on a cot)

हालांकि कई फायदे होने के बाद, खटिया पर सोने के कुछ नुकसान भी है. अगर आप ध्यान देंगे तो इन नुकसानों से बचा जा सकता है. खटिया की सतह लचकदार होती है, इसलिए का खाट पर लेटने के दौरान कमर वाला हिस्सा लचका रहता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में झुकाव आता है और इससे गले की हड्डी भी बढ़ सकती है. इसके अलावा खाट पर सोने से कभी-कभी अनकंफर्टेबल भी महसूस हो सकता है, जिसकी वजह से शरीर में दर्द हो सकता है. खाट पर पूरी रात एक करवट पर सोने से उसकी रस्सी से दबाव पड़ने पर रक्त संचार पर बुरा असर पड़ सकता है.

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