Thyroid symptoms : कुछ समय पहले तक थायराइड बड़ो में होने वाली बीमारी थी, लेकिन अब ये बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है, जो कि चिंताजनक स्थिति है. दरअसल, इस बीमारी में गले के पास तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है जो दिल दिमाग और शरीर के अन्य अंगों की फंक्शिनिंग के लिए हॉर्मोन का उत्पादन करती है. लेकिन परेशानी तब होती है जब थायराइड हॉर्मोन का उत्पादन कम या ज्यादा होने लगता है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि बच्चों में कितना टीएसएच लेवल होना चाहिए.
टीएसएच लेवल कितना होना चाहिए | What should be the TSH level in kids?
- हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो 0 से 2 हफ्ते के बच्चे में टीएसएच का लेवल 1.6-24.3 एमयू/एल होना चाहिए. वहीं, 2 से 4 सप्ताह के बच्चे में टीएसएच का स्तर 0.58-5.57एमयू/एल और 20 सप्ताह से 18 साल के बच्चे में थायराइड सामान्य तौर 0.55-5.31 एमयू/एल होना चाहिए. इससे ज्यादा और कम थायराइड की परेशानी को बढ़ा सकता है. ये तो हो गया थायराइड का लेवल, अब आते हैं बच्चों में थायराइड के कारण.
बच्चों में थायराइड क्यों होता है | Why does thyroid occur in children?
- कुछ बच्चों को यह समस्या जन्म से हो सकती है. ऐसा पोषण की कमी के कारण होता है. इसलिए गर्भवती महिला के खान पान का विशेष ख्याल रखना चाहिए. ताकि बच्चे स्वस्थ पैदा हों.
- इसके अलावा आयोडीन की कमी के कारण भी यह बीमारी शरीर में उत्पन्न होती है. ऐसा खानपान में होने वाली लापरवाही के कारण हो सकता है. इसके अलावा आटोइम्यून रोग भी इस बीमारी का कारण हो सकता है.
बच्चों में थायराइड के लक्षण | Thyroid symptoms in children
बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास का कम होना, बच्चों में थकावट जल्दी हो जाना, बच्चों की त्वचा सूखी और बेजान होना, मोटापे की समस्या, आंखों में सूजन और सांस लेने में तकलीफ, जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं.
- ये सारे लक्षण नजर आने पर पेरेंट्स को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इनको दवाईयों के जरिए ठीक किया जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.