गुरु गौर गोपाल दास बता रहे हैं कि पेरेंट्स को कभी नहीं करने चाहिए ये 4 काम, जानें परवरिश का सही तरीका

जाने माने स्पिरिचुअल गुरू गौर गोपाल दास बता रहे हैं कि कई बार माता पिता अपने बच्‍चों की परवरिश में कुछ ऐसी गलतियां करने लगते हैं, जिसकी वजह से बच्‍चे कनफ्यूज और कमजोर मानसिकता के बन जाते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
gaur gopal das ke pravachan : गौर गोपाल दास ने माता पिता को बताई यह जरूरी बातें.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गौर गोपाल दास कौन से जानें बच्चे की परवरिश कैसे करें.
गौर गोपाल दास बताते हैं माता पिता क्या करते हैं अकसर गलती.
आज से आप भी सुधार लीजिए.

Parenting Tips: एक बच्‍चे को सही और सफल इंसान बनाना आसान काम नहीं होता. यह जिम्‍मेदारी मां बाप की होती है. ऐसे में जन्‍म से लेकर बड़े होने तक कई माता पिता(Parents) बच्‍चों के बेहतर विकास के लिए हर संभव कोशिश में जुट जाते हैं और उनके भविष्‍य के निर्माण के लिए जीतोड़ मेहनत करते हैं. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि अंजाने में कई माता-पिता कुछ ऐसी पेरेंटिंग मिस्‍टेक (Parenting Mistakes) करने लगते हैं जिसकी वजह से बच्‍चों के परवरिश पर गलत असर पड़ता है. चलिए जानते हैं स्पिरिचुअल गुरू गौर गोपाल दास (Spiritual speaker gaur gopal das) जी पैरेंटिंग के बारे में क्‍या टिप्‍स (Parenting Tips) दे रहे हैं.

डॉक्टर छाया शाह ने कहा बस ये 5 चीजें माता पिता रोज करें, फिर आपका बच्चा हमेशा रहेगा खुश

पेरेंटिंग के दौरान ना करें ये गलतियां (Parenting tips by Spiritual speaker gaur gopal das)

बच्‍चे के व्‍यवहार को समझें

कई बार आपको लगता है कि आप टेक्निकली सही है लेकिन यह भी हो सकता है कि आपका बच्‍चा प्रैक्टिकल सोच रहा हो और वह सही हो. इसलिए अपनी बाउंड्री से बाहर आएं और जानने का प्रयास करें कि आखिर बच्‍चे का व्‍यवहार क्‍यों ऐसा है. बच्‍चे की नजर को समझने का प्रयास करें.

ज्‍यादापोजेसिव  ना  बनें

बच्‍चों के लिए माता पिता का अधिक पोजेसिव होना सही नहीं होता है. इसलिए बच्‍चे के हर मामले में दखल देने से बचें और हर बात पर उसे ज्ञान देने से बचें. बेहतर होगा कि आप अपने बच्‍चे को थोड़ा स्‍पेस दें और हर हालात से निपटने के लिए खुद दिमाग लगाने की सीख दें.

Advertisement
ना बनें अधिक प्रोटेक्टिव

कई पेरेंट्स बच्चे को अपने प्रॉब्‍लम को खुद सॉल्‍व करने नहीं देते और उनके लिए इतना अधिक प्रोटेक्टिव होते हैं कि उनके छोटे मोटे प्रॉब्‍लम को भी अपने ऊपर ले लेते हैं. ऐसा करने से बच्‍चे अपनी समस्‍याओं को खुद सुलझाना नहीं सीख पाते. ऐसे बच्‍चों का कॉन्फिडेंस कम हो जाता है और वे जिंदगी के अहम या छोटे-मोटे फैसले भी खुद नहीं ले पाते.

Advertisement
फैसले ना लेने देना

अपने बच्‍चे को उसकी जिंदगी के छोटे मोटे या कुछ जरूरी फैसले खुद लेने दें.  इससे बच्‍चा मैच्‍योर बनता है और फैसले लेना सीखता है. हो सकता है कि शुरुआती दिनों में वह कुछ गलत निर्णय ले, लेकिन यकीन मानिए, आगे चलकर वह इन गलत फैसलों से सीख लेना सीख जाएगा और सही निर्णयों के साथ आगे बढ़ेगा. आप उसे कुछ सुझाव दे सकते हैं.

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Top 25 Headlines: India Pakistan Ceasefir | Operation Sindoor | Omar Abdullah | Asaduddin Owaisi
Topics mentioned in this article