Shekhar Kapur ने बताया वह हैं पूरी तरह Dyslexic, आपके घर में भी कोई D को कहता है B तो एक्सपर्ट से जानें कैसे करें मदद 

Shekhar Kapur Dyslexia: डिस्लेक्सिया होने पर व्यक्ति को शब्दों के उच्चारण में दिक्कत होने लगती है. निर्माता शेखर कपूर ने हाल ही में सभी से यह बात साझा की है कि वे डिस्लेक्सिक हैं. 

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Shekhar Kapur हैं पूरी तरह से डिस्लेक्सिक. 

Dyslexia: फिल्ममेकर शेखर कपूर ने हाल ही में ट्विटर पर इस बात का खुलासा किया है कि वे डिस्लेक्सिया से पीड़ित हैं. 'मिस्टर इंडिया' और 'बैंडिट क्वीन' जैसी फिल्मों के डायरेक्टर रह चुके शेखर कपूर (Shekhar Kapur) ने ट्वीट के माध्यम से सभी को यह खबर दी. शेखर ने लिखा, "जिंदगी की सीख: मैं पूरी तरह डिस्लेक्सिक हूं और मुझे इंटेंस ADD है. इससे ज्यादा मैं कुछ और नहीं जानता. भगवान का शुक्र है कि जब मैं बढ़ा हो रहा था तो बच्चों के लिए किसी तरह के स्पेशल स्कूल नहीं हुआ करते थे. वे मेरे अंदर के सारे विद्रोह को मारकर निकाल देते. मैं शायद फिल्में भी नहीं बना पाता और ना ही क्रिएटिव होता." शेखर ने आगे इस बात का भी जिक्र किया कि शायद वे फिल्में ना बना पाते या क्रिएटिव नहीं होते. डिस्लेक्सिया क्या होता है, इसका कैसे पता चलता है और डिस्लेक्सिया से पीड़ित व्यक्ति (Dyslexic) का कैसे पता लगाया जा सकता है जानिए स्पेशल एजुकेटर जोह्न अब्बास से. 

अपने दूसरे एक ट्वीट में शेखर ने यह भी कहा कि वे डिस्लेक्सिया से पीड़ित अन्य आर्टिस्ट्स और कवियों या संगीतकारों को भी ढूंढ रहे हैं. शेखर ने बताया कि वे विजुअल मैथमेटिक्स के लिए प्यार विकसित कर रहे हैं जबकि स्कूल में वे मैथ्स से नफरत किया करते थे क्योंकि उन्हें नंबर समझने में दिक्कत होती थी.

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क्या है डिस्लेक्सिया | What Is Dyslexia 

बीएसएलपी (BSLP), स्पेशल एजुकेटर जोन अब्बास के अनुसार, डिस्लेक्सिया एक स्पेसिफिक लर्निंग डिसोअर्डर (SLD) है. डिस्लेक्सिया होने पर व्यक्ति को लिखने और शब्दों को समझने में दिक्कत होने लगती है. इसमें असल शब्दों की मिरर इमेज दिखने लगती है. जिन लोगों को डिस्लेक्सिया होता है वे बार-बार स्पेलिंग मिस्टेक्स करने लगते हैं और उन्हें शब्दों को या लकीरों को समझने में भी दिक्कत होती है. आमतौर पर बच्चे बी को डी और डी को बी लिखने जैसी गलतियां करते हैं या हर बार 7 उल्टा लिखते हैं. 

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कैसे कर सकते हैं डिस्लेक्सिक की मदद 

जोन के अनुसार, डिस्लेक्सिक की मदद करने के लिए उसकी विजुअल मेमोरी पर ध्यान देना जरूरी है. बच्चे को अगर डिस्लेक्सिया है तो उसे लिखने से ज्यादा बोलने के लिए कहें. वेव राइटिंग की प्रैक्टिस करवाएं और शब्दों को किस तरह लिखा जा रहा है, किस तरह उनकी बनावट है, देखने में वे कैसे हैं उनके बीच कितना स्पेस है यह समझाने की कोशिश करें. इसके अलावा मेमोरी गेम्स खेलना भी फायदेमंद साबित हो सकता है. 

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