Sharda Sinha Chhath geet : कोई भी पर्व और त्योहार बिना पारंपरिक लोकगीत के पूरा नहीं होता है. छठ को अब बस कुछ दिन बाकी है. इस साल छठ का महापर्व 7 नवंबर को है. ऐसे में घरों और घाटों पर जोर-शोर से तैयारी शुरू हो गई है, साथ ही स्पीकर में छठ के गीत बजने शुरू हो गए हैं. जब भी छठ के गीतों की बात आती है, तो जुबान पर पहला नाम भोजपुरी की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का आता है. उनके गाए गीतों के बिना यह पर्व मानो अधूरा है. उनकी आवाज में गाए छठ गीत जब कानों में पड़ते हैं तो भक्त का मन श्रद्धा भक्ति भाव से विभोर हो जाता है. ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको शारदा सिन्हा के फेमस छठ गीत की लिस्ट साझा कर रहे हैं, जो छठ पर जरूर गाए और बजाए जाते हैं.
शारदा सिन्हा के फेमस छठ गीत
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंकेकेलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके
हो करेलु छठ बरतिया से झांके ऊंके
हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी
हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी
अर्थ- यह गीत खरना के लिए है. इस गीत में व्रती महिलाएं खरना कैसे करती हैं उसके बारे में एक्सप्लेन किया गया है.
पटना के घाट पर
हम हूँ अरगिया देबई
हे छठी मईया
हम ना जाईब दूसर घाट
देखब हे छठी मईया
हम ना जाईब दूसर घाट
देखब हे छठी मईया
सोना सट कुनिया हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार
हे घूमइछा संसार
सोना सट कुनिया हो दीनानाथ
हे घूमइछा संसार
हे घूमइछा संसार
अर्थ- इस गीत में व्रती महिलाएं सूर्यदेव से प्रार्थना कर रही हैं, जैसे वो हर दिन उदय होते हैं वैसे आज भी हो जाएं. यह अर्घ्य गीत है.
आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ,
रूपे छन लागल केवाड़
आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ,
रूपे छन लागल केवाड़
ताही ऊपर चढ़ि सूतले हो दीनानाथ,
बांझी केवड़वा धईले ठाढ़
ताही ऊपर चढ़ि सूतले हो दीनानाथ,
बांझी केवड़वा धईले ठाढ़
अर्थ- यह छठ गीत छठी मइया से पुत्र कामना की प्रार्थना करने के लिए रचा गया है, जिसे शारदा सिन्हा की आवाज ने चार चांद लगा दिया है.