वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला पुरुषों में गंजेपन का इलाज, अब गंजे सिर पर भी उगेंगे बाल

Male pattern baldness: पुरुषों में आजकल गंजेपन की समस्या काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है. खराब लाइफस्टाइल, खानपान, स्ट्रेस, तनाव, प्रदूषण, जेनेटिक्स जैसे अन्य कारणों की वजह से आदमियों में हेयरफॉल और गंजापन काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है.

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वैज्ञानिकों ने निकाला गंजेपन का इलाज
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Male pattern baldness: पुरुषों में आजकल गंजेपन की समस्या काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है. खराब लाइफस्टाइल, खानपान, स्ट्रेस, तनाव, प्रदूषण, जेनेटिक्स जैसे अन्य कारणों की वजह से आदमियों में हेयरफॉल और गंजापन काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है. खासतौर से ये समस्या तब ज्यादा चिंतित करती है जब ये कम उम्र में होने लगे. बता दें कि, मेल पैटर्न बाल्डनेस (Male pattern baldness) या एंड्रोजेनिक एलोपेसिया (androgenic alopecia) पुरुषों में बाल झड़ने की एक आम समस्या है. क्लिवलैंड क्लिनिक के अनुसार ये लेट 20s या 30 साल की उम्र की शुरुआत में होती है. इसमें सिर से बाल झड़ जाते हैं और फिर दोबारा नहीं उगते हैं. 

कैसे होता है मेल पैटर्न बाल्डनेस? (Stages of Male Pattern Baldness)

क्लिवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार मेल पैटर्न बाल्डनेस अचानक नहीं होता, इसकी सात स्टेज होती हैं. 

  • पहली स्टेज में बाल बहुत कम या बिल्कुल नहीं झड़ते हेयरलाइन भी सामान्य रहती है.
  • दूसरी स्टेज में माथे और कानों के पीछे बाल झड़ना शुरू हो जाता है.
  • तीसरी स्टेज में माथे के दोनों किनारों पर हेयरलाइन काफी पीछे चली जाती है और बालों का पैटर्न 'M' या 'U' जैसा दिखने लगता है.
  • चौथी स्टेज में सिर के बीच से बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं.
  • पांचवी स्टेज में हेयरलाइन पीछे हटते-हटते सिर के बीच में बने गंजे हिस्से से जुड़ने लगती है.
  • छठी स्टेज में माथे के दोनों किनारों और सिर के बीच वाले हिस्से के बाल झड़ने लगते हैं.
  • सातवी स्टेज में सिर के ऊपर बिल्कुल बाल नहीं रहते और सिर्फ किनारों पर एक पतली पट्टी जैसी बालों की लाइन बचती है.
कई दवाइयों ने किया ठीक करने का दावा

गंजेपन की समस्या पर कई शोध हुए हैं और बाजार में भी कई दवाइयां आई हैं जो मेल पैटर्न बाल्डनेस को ठीक करने का दावा करती हैं, लेकिन अब तक कोई भी दवा असरदार साबित नहीं हुई थी.  हाल ही में क्लासकोटेरोन (Clascoterone) नाम की दवा ने अच्छे नतीजे दिखाए हैं. बुधवार, 31 नवंबर 2025 को आयरलैंड की कॉस्मो फार्मास्यूटिकल्स (Cosmo Pharmaceuticals) ने इस दवा के दो फेज-III ट्रायल के नतीजे घोषित किए.

दिखा 539% सुधार 

कंपनी ने बताया कि उन्होंने 1,500 पुरुषों के दो ग्रुप बनाए जिसमें एक को प्लेसीबो दी गई और दूसरे को क्लासकोटेरोन. पहले ट्रायल में ही दवा ने 539% सुधार दिखाया, जबकि दूसरे ट्रायल में 168% सुधार दर्ज हुआ. वहीं, साइड इफेक्ट्स के मामले में कंपनी ने बताया कि क्लासकोटेरोन सुरक्षित और सहन करने योग्य है. 

अगले साल तक मिल सकती है मंजूरी

उम्मीद लगाई जा रही है कि इन अच्छे नतीजों के बाद अगले साल FDA से मंजूरी मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ, तो क्लासकोटेरोन पिछले 30 सालों में मेल पैटर्न बाल्डनेस के इलाज के लिए पहली दवा होगी. साथ ही यदि इस दवा को मंजूरी मिल जाती है, तो इससे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया से जूझ रहे या इसके लिए पैसे खर्च कर रहे अनेक लोगों को मदद मिल सकती है.  हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि इसी दवा को 2020 में FDA ने मुहांसों (acne) के इलाज के लिए मंजूरी दी थी, जब कंपनी कैसियोपिया (Cassiopea) ने इसे पेश किया था.

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