अगर कोई आपका अपमान करता है तो एक बार सुन लीजिए सद्गुरु क्या कह रहे हैं, फिर बदल जाएगी आपकी जिंदगी

अगर कोई आपका अपमान करे, तो बिगड़ने से बेहतर है कि आप इन चार बातों का ध्यान दें. क्योंकि सदगुरु की इन चार बातों से बड़े से बडे़ अपमान को आसानी से सहा जा सकता है.

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सदगुरु मानते हैं कि हमेशा खुश रहने से अपमान सहने की शक्ति बढ़ती है.

Sadhguru Thoughts: कोई भी इंसान होगा, बेवजह अपना अपमान नहीं सहेगा, यह एक साइकोलॉजिकल फैक्ट है. असल में हम, तुम, चाहे कोई भी हो अपने लिए कोई भी बुरा नहीं सुन सकता है. व्यक्ति का स्वभाग छोटी-छोटी बातों पर बिगड़ने में देर नहीं लगाता है. वहीं, जब बड़ा अपमान होता है, तो पारा हाई हो जाता है. इसे बर्दाश्त करना बेहद मुश्किल हो जाता है, क्योंकि यह सब एक मैसेंजर का खेल है. वो कैसे, आइए बताते हैं, जब भी कोई हमें अच्छा या बुरा कहता है, तो वो शब्द हमारे ब्रेन में स्टोर होते हैं और ब्रेन इन चीजों पर कैसे रिेएक्ट करता है, वो हमारे रिएक्शन से पता चल जाता है. खैर, अपमान और बुराई होने पर गुस्से पर कंट्रोल करना हर किसी के वश की बात नहीं है. फिर भी हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर कोई आपका अपमान करें तो क्या करना है?

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दिल पर ना लें (Do not take it ill)
सदगुरु जगदीश वासुदेव ने किसी का अपमान होने पर उसे कैसे रिएक्ट करना चाहिए, इस पर उदाहरण देते हुए बड़ी गहरी बात कही है. सदगुरु की मानें तो उनका कहना है कि किसी के अपमान करने और बुरा-भला कहने पर उसे दिल पर ना लें. सदगुरु कहते हैं कि अगर आप ऐसा करते हैं, तो अपमान करने वालों को नहीं बल्कि खुद को चोट पहुंचा रहे हैं.

नजरअंदाज करना सीखें (Learn to ignore)
सदगुरु कहते हैं कि संसार में कई अच्छी और बुरी चीजें हो रही हैं, लेकिन हमें यह सीखना होगा कि हमें किसे नजरअंदाज करना है. वो इस बात को अपमान से जोड़कर भी देखते हैं. सदगुरु कहते हैं कि आप इस बात को नजरअंदाज करें कि आप अपमानित हुए हैं, क्योंकि इसका संकेत आपका ब्रेन दे रहा है, दिल नहीं.

मुस्कुरा कर दें जवाब (Answer with a smile)
व्यक्ति के अपमान पर सदगुरु के विचार कहते हैं कि अगर भरी महफिल में आप अपमानित हो रहे हैं और आप भी रिएक्ट करने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं, तो आप अपने रिएक्शन की दशा-दिशा बदल सकते हैं. आप उन्हें मुस्कुरा कर जवाब दे सकते हैं, इससे आप नहीं, फिर अपमानित करने वाला शख्स परेशान होगा.

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खुश रहना सीखें (Learn to be happy)
सदगुरु मानते हैं कि हमेशा खुश रहने से अपमान सहने की शक्ति बढ़ती है. खुश रहने से इंसान का ब्रेन हेल्दी होता है. इससे चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी नहीं होती है. सदगुरु सौ बात की एक ही बात बोलते हैं कि इंसान का स्वभाव सकारात्मक होना चाहिए, इससे वो जीवन की सारी समस्याओं से पार पा सकता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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