Harsha Richariya viral video : कुंभ में शामिल होने के बाद से लगातार हर्षा रिछारिया मीडिया सुर्खियों में छाई हुईं हैं. कभी अपनी खूबसूरती को लेकर तो कभी निरंजनी अखाड़े के रथ पर बैठने और भगवा वस्त्र धारण करने के विवाद को लेकर. और अब रोते हुए कुंभ छोड़कर जाने के एलान वाला वीडियो लोगों के बीच चर्चा में बना हुआ है. इसी को लेकर एनडीटीवी संवाददाता ने हर्षा के माता-पिता से खास बातचीत की है जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के जीवन से जुड़े चौंकाने वाले राज से पर्दा उठाया है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं एनडीटीवी से बातचीत में मां किरण रिछारिया और पिता दिनेश रिछारिया ने हर्षा की आध्यात्मिक यात्रा के सफर के बारे में क्या कुछ कहा है...
कैसे शुरू हुई हर्षा रिछारिया की आध्यात्मिक यात्रा
सवाल - क्या वाकई में हर्षा साध्वी हैंमां किरण - नहीं, उन्होंने सिर्फ गुरु दक्षिणा ली है.
सवाल - इसके पहले हर्षा क्या करती थींमां किरण- वो एंकरिंग का काम कई सालों से कर रही है. इंडिया में और इंडिया के बाहर भी प्रोग्राम होस्टिंग का काम करती थी. उसने गर्वममेंट और प्राइवेट दोनों तरह के प्रोग्राम की होस्टिंग की है.
मां किरण - ऐसा कुछ नहीं नहीं था. बस इतना था गुरु जी का अखाड़ा है वहां जाकर रहेगी उनकी सेवी करेगी. अब जो एकदम से उसका नाम आया और हाइलाइट हुई है, ये सब भोलेनाथ की कृपा है.
मां किरण - नहीं, एंकरिंग तो नहीं करेगी. उसका एनजीओ है जिसपर वो काम करेगी. अभी दो साल से वो उसपर ही फोकस कर रही थी.
मां किरण- गरीब बच्चों और उनके परिवार के लिए काम करेगी और महिलाओं को ट्रेनिंग देगी. इन सारी चीजों पर वो काम करेगी.
मां किऱण - नहीं, उसने ऐसा कुछ नहीं कहा. न उसने साध्वी को लेकर कुछ कहा है और न ही शादी को लेकर. उसका अभी मुख्य उद्देश्य युवा वर्ग में सनातन के प्रति जागरूकता फैलानी है.अपने धर्म से लोगों को जोड़ना है.
मां किरण - कोई प्लान नहीं है. अभी उसका पूरा फोकस अपने काम पर है जिसमें पेरेंट्स के रूप में हमारा पूरा सपोर्ट है.
सवाल - बेटी के फेमस होने पर कैसा लग रहा हैपिता दिनेश - बहुत खुशी की बात है.
सवाल - पहले बेटी एंकरिंग करती थी और अब आध्यात्म के रास्ते पर है, तो आपको किसमें खुशी मिलती हैपिता दिनेश - उसके हर फैसले में हम उसके साथ हैं. उसके अब तक के किसी डिसीजन ने हमें दुखी नहीं किया है.
सवाल - परिवार में और कौन हैपिता दिनेश - उसका एक भाई भी है. चार लोगों का परिवार है.
सवाल - आप सभी लोग भोपाल में ही रहते हैं या घर कहीं और हैपिता दिनेश - हम झांसी के रहने वाले हैं. मेरी और बेटी दोनों की पैदाइश बुंदेलखंड की है लेकिन उसकी पढ़ाई-लिखाई सबकुछ भोपाल में हुई है.