Parents day 2022 : उम्र के हिसाब से बच्चों की परवरिश में बदलाव करना पड़ता है. यह मां बाप को समझने की जरूरत होती है. क्योंकि जैसे-जैसे बच्चों की ग्रोथ होती है उनकी शरीर, बोल चाल, इमोशन, चलने फिरने में कई बड़े परिवर्तन होते हैं. इसलिए पेरेंट्स को बच्चों को उम्र के हिसाब से ट्रीट करना चाहिए. आज इस लेख में हम 6 से 9 साल के बच्चों के साथ कैसे बर्ताव करना चाहिए मां-बाप को उस पर बात करेंगे. ताकि आपसे उनकी परवरिश (Parenting tips) में किसी तरह की चूक ना हो जिसको लेकर आप जीवन भर पछताएं, तो चलिए जानते हैं.
- यही वह उम्र होती है जब बच्चों को संस्कार सिखाया जाता है. इस समय सिखाई गई हर बात बच्चे को जीवन भर याद रहती है. इसलिए 6 से 9 साल के बीच बच्चों को अच्छी-अच्छी आदतें सिखानी चाहिए.
- इस उम्र के बच्चों को सबसे पहले तो खाने का तरीका सिखाना चाहिए. उसे खाने के टेबल पर बैठने के मैनर बताएं. खाना खाने के बाद थाली हटाने की आदत डलवाएं. हरी सब्जियां खिलाएं.
- सेफ्टी रूल्स सिखाएं. इस उम्र में बच्चे बदमाशियां भी खूब करते हैं. इसलिए उन्हें अपनी सेफ्टी कैसे रखें इस बारे में बताएं. उन्हें रोड क्रॉस करना सिखाएं. जब कोई अजनबी बात करे तो उससे कैसे बर्ताव करना है,ये भी सिखाएं.
- गैजेट्स के बहुत ज्यादा इस्तेमाल के नुकसान के बारे नें बच्चों को जरूर समझाएं. बहुत देर तक इनका इस्तेमाल ना करने दें. आप उन्हें क्रिएटिव कामों में लगाएं. फिजिकल एक्टिविटी का खास ध्यान रखें उनकी. साथ ही साथ उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान दें. उनकी रुचि वाले सब्जेक्ट जानने की कोशिश करें. ताकि आप उसपर ज्यादा फोकस कर सकें.
- अपने से बड़ों को कैसे ट्रीट करना है उन्हें जरूर सिखाएं. उन्हें समझाएं जब कोई बड़ा आपसे कुछ कहे तो उनकी बात ना काटें. वहीं, जब घर में मेहमान आए तो उसे पानी पूछना, नमस्ते करना और पैर छूने जैसे संस्कार उनमें जरूर डालें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.