Parenting tips for study : एग्जाम (CBSE Board exam 2024) आ रहे हैं और ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई और रिवीजन को लेकर चिंता करने लगे हैं. बच्चा कम पढ़ाई करता है, पढ़ाई पर उसका फोकस नहीं है, यही सोचकर हर मां बाप (hacks for parents) इस समय अपने बच्चे को जमकर पढ़ने के लिए दबाव बनाते हैं. लेकिन ये दबाव कई बार बच्चे की स्टडी ही नहीं उसके दिमाग पर भी गलत असर डालता है. जी हां, अगर आप बच्चे के पढ़ाई करते वक्त उसके साथ ये गलती कर रहे हैं तो आप बच्चे के साथ गलत कर रहे हैं. चलिए जानते हैं कि बच्चे के पढ़ाई करते समय किस तरह की गलती को दोहराना (hacks for exam) गलत हो सकता है.
बच्चे की पढ़ाई के वक्त मां बाप ना करें ये गलती (parents should not do this mistake during kids study)
बच्चा जब पढ़ाई कर रहा है तो उसे बार बार स्ट्रेस ना दें. उस पर बार बार ज्यादा पढ़ने का दबाव डालना ही उसे स्ट्रेस में डालना है. अक्सर परीक्षाएं सिर पर आने के बाद मां बाप बच्चे पर ज्यादा समय तक पढ़ने के लिए दबाव बनाने लगते हैं. बच्चा पहले ही एग्जाम के स्ट्रेस में होता है, ऐसे में पेरेंट्स का बार बार पढ़ने का दबाव बनाना उसकी मेंटल हेल्थ के लिए बुरा साबित हो सकता है. बच्चे पर पढ़ाई के वक्त दबाव बनाना उसके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जितना बुरा है, उतना ही उसकी पढ़ाई को भी बाधित करता है. आपको बता दें कि बच्चे स्ट्रेस में बिल्कुल पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. अगर बच्चा पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तो मां बाप उसे ज्यादा डांटते हैं, ज्यादा पनिश करते हैं और तरह तरह की धमकियां देते हैं. ऐसे में बच्चे के दिमाग की कार्यक्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है और बच्चे के लर्निंग डेवलपमेंट सेंटर पर बुरा असर पड़ता है. इस माहौल में बच्चा पढ़ाई पर बिलकुल भी फोकस नहीं कर पाता है.
बच्चे की पढ़ाई के वक्त क्या करें (How to help your child in study)
हर मां बाप को चाहिए कि अगर बच्चा पढ़ाई और एग्जाम के चलते स्ट्रेस में हैं तो सबसे पहले उसे रिलेक्स फील करवाएं. स्ट्रेस में बच्चे का लोअर ब्रेन एक्टिवेट हो जाता है जिससे वो पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाता. इसलिए मां बाप को चाहिए कि बच्चे के साथ प्यार से पेश आएं. उस पर पढ़ाई को लेकर बिना बात का प्रेशर न बनाएं. उसे पढ़ने के साथ साथ कुछ वक्त हॉबीज के लिए भी दें. इससे उसका दिमाग शांत होगा और लर्निंग और मेमोराइज करने की पावर बढ़ेगी. खासकर 10वीं और 12वीं के एग्जाम के समय बच्चों को दिन में कुछ वक्त उनकी हॉबीज के लिए देना चाहिए. इससे बच्चे को रिलेक्स मिलता है और उसकी लर्निंग पावर बढ़ती है.