क्या आप सबके सामने अपने बच्चे को डांटती या चिल्लाती हो तो आज से कर दें बंद, एक्सपर्ट से जानिए कितना है नुकसानदायक

बहुत से चाइल्ड एक्सपर्ट यह बताते हैं कि अगर आपका बच्चा गलती करे तो उसे डांटने की वजह उसे आप प्यार से समझाएं, इसके पीछे क्या रीजन है, आइए जानते हैं.

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क्या आप भी अपने बच्चे को डांटते हैं तो आज से बदल दें अपना तरीका.

Parenting Tips in Hindi: बच्चों की परवरिश करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी (Parenting Tips) का काम होता है, जिसमें संवेदनशीलता और समझदारी की जरूरत होती है. बच्चें की परवरिश में मां-बाप का व्यवहार और उनका रवैया बच्चे की मानसिक और भावनात्मक विकास पर (Scolding Children Publicly ) बहुत प्रभाव डालता है. बहुत से चाइल्ड एक्सपर्ट यह बताते हैं कि अगर आपका बच्चा गलती करे तो (Kids Care Tips) उसे डांटने की वजह उसे आप प्यार से समझाएं, इसके पीछे क्या रीजन है, आइए जानते हैं.

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बच्चों को दूसरों के सामने क्यों नहीं डांटे

  • जब मां-बाप अपने बच्चों को बाहरी लोगों के सामने बोलते या डांटते हैं तो इससे उनके बच्चों के आत्मसम्मान को बहुत चोट पहुंचती है. बच्चे सार्वजनिक तौर पर डांट पड़ने की वजह से शर्मिंदगी महसूस करते हैं.
  • अगर आप बाहरी लोगों के सामने बच्चे को डांट लगाते हैं तो इससे बच्चे के व्यवहार पर बुरा प्रभाव पड़ता है. सार्वजनिक जगहों पर डांट सुनने के कारण हो सकता है आपके बच्चे में गुस्सा, निराशा और डिप्रेशन होने लगे.
  • बाहरी लोगों के सामने अगर आप अपने बच्चे को डांट लगाते हैं तो इससे आपके बच्चे अनुशासनहीन होने लगते हैं और बड़े होकर वह आपसे भी वैसा ही व्यवहार करने लग जाते हैं. अगर आप अपने बच्चे को सार्वजनिक जगह पर डांटते हैं, जहां बहुत से लोगों की भीड़ हो तो बच्चे में असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है. इससे उसके सोशल स्किल और रिलेशन भी बिगड़ सकती है.
  • बाहरी लोगों के सामने अपने बच्चे को डांट लगाना ना केवल बच्चे को प्रभावित करता है, बल्कि इससे परिवार के सदस्य भी प्रभावित होते हैं और वह अपने आप को लोगों के सामने असहाय महसूस करने लगते हैं, जिससे परिवार में भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.


सही तरीका क्या है


कभी भी बच्चों को उसकी गलती पर डांटना या मारना नहीं चाहिए. उन्हें प्यार से समझाना चाहिए. क्योंकि बच्चे प्यार के भूखे होते हैं, यदि आप अपने बच्चे को डांट भी रहे हैं तो ध्यान रखें कि वहां बाहर के लोग ना हों, या फिर आप उन्हें सार्वजनिक जगहों पर न डांटे. एक पेरेंट्स के तौर पर आपको अपने बच्चों को समाज में भी सम्मान देना चाहिए. उन्हें उनकी गलतियों पर डांटने की बजाय उन्हें सकारात्मक तरीके से समझाना चाहिए. इसे बच्चे के मेंटल, इमोशनल हेल्थ पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और उनमें आत्मसम्मान की भावना का विकास होता है.

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