Parenting Tips: रसभरे आम की खुशबू ही जीभ ललचाने के लिए काफी होती है. बच्चे हों या बड़े सभी को आम खाने में स्वादिष्ट लगता है, लेकिन बहुत छोटे बच्चों को आम खिलाते समय माता-पिता को बहुत सोच-विचार करना पड़ता है. बच्चों को किस उम्र से आम खिलाना चाहिए यह भी समझना जरूरी है क्योंकि उम्र के हिसाब से सेहत पर आम (Mango) का असर अलग-अलग भी हो सकता है. इस पीले फल में बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट और आयरन सोखने वाले विटामिन सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है. आइए जानें, यह बच्चों की सेहत (Kid's Health) को कैसे प्रभावित करता है.
बच्चों की सेहत के लिए आम | Mango For Kid's Health
मुलायम गूदे वाला आम बच्चों के पाचन (Digestion) के लिए अच्छा है क्योंकि इसे पचाना बच्चों के लिए आसान है. कम से कम 8 महीने का हो जाने के बाद बच्चे को आम खिलाया जा सकता है. फलों के राजा आम को खाने पर बच्चों को एसिडिटी नहीं होती. वहीं, फाइबर से भरपूर आम से कब्ज में भी राहत मिलती है.
आम ग्लूटामाइन एसिड का अच्छा स्त्रोत है. बच्चों में यह एसिड दिमागी शक्ति को बढ़ाने का काम करता है. इसे खाने पर बच्चों का दिमाग बढ़ने में सहायता मिलती है.
बच्चों के लिए इस फल को खाने का एक और फायदा है स्किन की सेहत (Skin Health) का अच्छा होना. आम के सेवन से बच्चों की त्वचा मुलायम और निखरी हुई बनती है. खासकर जब बच्चे पूरे चेहरे और हाथों में आम फैलाकर खाते हैं तो भी यह उनकी स्किन के लिए अच्छा साबित होता है. हालांकि, इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि बच्चों को जरूरत से ज्यादा आम (Mango) ना खिलाया जाए नहीं तो उन्हें फोड़े-फुंसी (Pimples) होने लगते हैं.
अक्सर बच्चे बेहद कमजोर और पतले-दुबले होते हैं. पैरेंट्स को एक टेंशन यह भी रहती है कि बच्चों का वजन बढ़ाने के लिए उन्हें क्या खिलाया जाए. बता दें कि 150 ग्राम आम बच्चों को 86 कैलोरी तक देता है. आम का मिल्क शेक (Mango Milkshake) खासकर बच्चों को मजबूती देता ही और उनके वजन को बढ़ाने वाला साबित होता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.