Parenting Tips:टेक्नोलॉजी के इस दौर में कई चीजें काफी आसान हो चुकी हैं, लेकिन इसी टेक्नोलॉजी (Technology) के चलते लोगों की सेहत भी लगातार बिगड़ रही है. लोगों की फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) कम होती जा रही है और वो वर्चुअल दुनिया में ही जीने लगे हैं. खासतौर पर इसका असर बच्चों पर देखने को मिल रहा है, स्क्रीन टाइम बढ़ने से उनकी आंखों पर तो असर पड़ ही रहा है, लेकिन दिमागी तौर पर भी वो काफी कमजोर हो रहे हैं. एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों याददाश्त कमजोर हो सकती है और वो जल्दी मोटापे का शिकार हो सकते हैं.
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कई खतरनाक बीमारियों का खतरा
दरअसल जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल चाइल्ड न्यूरोलॉजी एसोसिएशन में पब्लिश हुई इस स्टडी में बताया गया है कि बच्चों में मोबाइल देखने की लत काफी खतरनाक है. दुनियाभर में ये समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. डॉक्टर एरिक सिगमैन ने अपने इस पेपर में लिखा है कि बच्चों का स्क्रीन टाइम लगातार बढ़ता ही जा रहा है, कई बच्चे दिन में तीन से चार घंटे तक मोबाइल फोन या फिर किसी दूसरी स्क्रीन पर रहते हैं. जिससे उन्हें डायबिटीज, दिल की बीमारी और दिमाग की बीमारी होने का खतरा है. साथ ही उन्हें मोटापे का शिकार भी होना पड़ सकता है.
छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक
मोबाइल या फिर टीवी-लैपटॉप पर लगातार नजरें गढ़ाना छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि उनका दिमाग एक ही चीज में बिजी हो जाता है, जिससे कई बार वो पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता और वो ऑटिज्म जैसी खतरनाक बीमारियों का शिकार भी हो जाते हैं. इसीलिए 15 साल से कम उम्र के बच्चों का स्क्रीन टाइम बेहद कम होना चाहिए.
आंखों पर भी असर
स्टडी में बताया गया है कि जो बच्चे लगातार मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं उनकी आंखें भी खराब हो सकती हैं. यही वजह है कि ज्यादातर बच्चों को कम उम्र में ही चश्मे की जरूरत पड़ रही है. इसके अलावा उनकी सेहत पर ये कई तरह से असर डालता है. डॉक्टरों का भी यही मानना है कि पांच साल तक के बच्चों से मोबाइल फोन को दूर रखना चाहिए, साथ ही टीवी देखना भी दो से तीन घंटे से ज्यादा खतरनाक हो सकता है.