हर छोटी बात पर रो पड़ता है आपका बच्चा तो पैरंट्स आज से यह करें, कुछ ही दिनों में हो जाएगा इमोशनली स्ट्रॉन्ग

How to make child mentally strong : अगर आपका बच्चा भी बात-बात पर रो देता है तो उसे स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए आपको कुछ टिप्स फॉलो करने की जरुरत है. इन टिप्स की मदद से बच्चा इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनेगा.

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Parenting Tips: बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं होता है. उन्हें हर तरह से स्ट्रॉन्ग बनाना भी होता है. सिर्फ फिजिकली नहीं बच्चों (Kids) का मेंटली भी स्ट्रॉन्ग होना बेहद जरूरी होता है. अगर बच्चे मेंटली स्ट्रॉन्ग (Mentally Strong) नहीं होते हैं तो कई बार लोग उनका फायदा उठा लेते हैं और वो आपको इस बारे में कुछ बता भी नहीं पाते हैं साथ ही बुली के भी शिकार हो जाते हैं. ऐसे बच्चे बहुत जल्दी या बात-बात पर रो जाते हैं. बच्चे को स्ट्रॉन्ग बनाना जरूरी है. अगर आपका बच्चा भी बात-बात पर रो देता है तो उसे स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए आपको कुछ टिप्स फॉलो करने की जरूरत है. इन टिप्स की मदद से बच्चा इमोशनली स्ट्रॉन्ग बनेगा और बात-बात पर रोना भी बंद हो जाएगा.


हर काम हमारे हिसाब से नहीं होता
जब भी आपका बच्चा किसी चीज को लेकर रोने लगे तो आप उसे उस दौरान समझाइए कि हर चीज उनके हिसाब से हो ऐसा जरूरी नहीं होता है. सिचुएशन के साथ मैनेज करना भी जरुरी होता है. बच्चे को दी ये सीख उनकी जिंदगी में आगे तक काम आएगी. साथ ही मुश्किल समय में उन्हें पता होगा कि कैसे रिएक्ट करना है.



बच्चे को बोलने दें
कई लोग अपने बच्चों को ज्यादा बोलने नहीं देते हैं. इस वजह से बच्चा अपनी भावनाएं जाहिर नहीं कर पाता है. जो लोग अपनी बात को एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं वो इमोशनली वीक हो जाते हैं इसलिए अपने बच्चे को इमोशनली वीक ना होने दें और उन्हें उनकी बात बोलने दें. जिससे वो अपने इमोशंस को जाहिर कर पाएंगे.

कॉन्फिडेंस बढ़ाएं
बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ होता है तो वो किसी भी चीज से डरते नहीं हैं. वो हर मुद्दे पर अपनी बात रखते हैं और अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस कर पाते हैं साथ ही नेगेटिविटी से दूर रहते हैं इसलिए अपने बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ाएं. बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए आप उन्हें किसी हॉबी या स्किल डेवलप करने वाली चीजें करा सकते हैं.

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हर बात पर टोके नहीं
बच्चे गलती करते हैं पर इसका मतलब ये नहीं की आप उनपर हर बात पर चिल्लाएं या गलत करने से मना करते रहें. अगर बच्चा गलती नहीं करेगा तो चीजें सीखेगा कैसे. गलती के डर से वो कुछ करेगा नहीं और उसका कॉन्फिडेंस भी कम हो जाएगा. ऐसे में बच्चों को हर बात पर टोकना बंद कर दें.

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