Parenting Tips: बच्चा पढ़ाई-लिखाई में तेज हो और वो स्कूल-कॉलेज में बेहतरीन कामयाबी हासिल कर कर आपका रोशन करे. ऐसी चाहत भला किस माता-पिता की नहीं होगी. सभी पेरेंट्स (Parents) अपने बच्चों को अच्छा पढ़ा-लिखा कामयाब (Successfull) इंसान बनाना चाहते हैं. लेकिन इसके बावजूद कई बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी पढ़ाई लिखाई में रुचि नहीं होती.आज हम यहां आपको कुछ ऐसे ही टिप्स (Parenting Tips) दे रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने बच्चे में लर्निंग एबिलिटी और उनकी स्किल बढ़ा सकते हैं. यहां लर्निंग का अर्थ केवल कोर्स की किताबें पढ़ने से नहीं है.
इस तेल को नाभि में रोज रात में डालकर सोने से चेहरे की सुंदरता में लग जाता है चार चांदबच्चे में पढ़ने की आदत डालें
पढ़ने का मकसद केवल लैंग्वेज को सीखना या इंप्रूव करना नहीं है. किताबें बच्चों को न केवल ज्ञान देती हैं, बल्कि उसकी कल्पनाशीलता व तर्कशक्ति को भी बढ़ाती है. बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करें. उन्हें कहानियां सुनाएं. उनकी जिज्ञासा और उत्सुकता को दबाएं नहीं बल्कि उन्हें पंख दें.
सीखना केवल क्लासरूम तक सीमित न रखें
छोटे बच्चों के लिए पूरी दुनिया ही एक क्लासरूम के समान है. स्कूल की कक्षा के बाहर भी उनके सीखने के लिए बहुत कुछ है. बच्चे सवाल बहुत पूछते हैं. खासकर उनके सवालों में "ऐसा क्यों.." ये पूछना बहुत सामान्य होता है. बच्चों के सवाल पूछने की इस स्वाभाविक प्रवृत्ति की उपेक्षा न करें.
बच्चे के पढ़ाई के संबंध में आप भी जागरूक रहें
बच्चा पढ़ाई-लिखाई में अच्छा प्रदर्शन करे इसके लिए जरूरी है कि आपको भी उसकी किताबों, होमवर्क, स्कूल असाइनमेंट्स को लेकर पर्याप्त जानकारी रहे. बच्चे से इन सभी विषयों पर खुलकर चर्चा करें और अगर उसे कोई परेशानी आ रही हो तो उसे समझने की कोशिश करें. टीचर्स से बेहतर संपर्क रखने से आप अपने बच्चे की एजुकेशनल नीड्स को बेहतर से समझ पाएंगे.
बच्चे के ओवरऑल डेवलपमेंट पर फोकस करें
ध्यान रहे बच्चे को केवल किताबी कीड़ा नहीं बनाना है. उसके पूरी पर्सनालिटी पर ध्यान देना होगा. बच्चे में अच्छे चरित्र का निर्माण, उसे कॉन्फिडेंट और रिस्पॉन्सिबल बनाना भी आपकी जिम्मेदारी है. कुल मिलाकर एक बच्चे की कामयाबी में उसके पेरेंट्स, टीचर्स और आस-पास के वातावरण का भी अहम् योगदान होता है.
बच्चे की खूबियों को पहचानें
हर बच्चे में कुछ खास बात होती है और शायद कुछ मामलों में वह पिछड़ भी सकता है. जरूरत इस बात की है कि बच्चे की खूबियों को सही ढंग से पहचाना जा सके. बच्चे की क्रिएटिव स्किल, क्रिटिकल स्किल, ऑर्गेनाइजेशनल स्किल को पहचानना भी जरूरी है.
घर में पढ़ाई का माहौल बनाएं
पढ़ाई के लिए जरूरी है कि घर में पढ़ाई के लिए सही वातावरण हो. बच्चे का एक रूटीन बनाना बेहद जरूरी है. इससे बच्चे में नियमित रूप से पढ़ने की आदत विकसित होगी. बच्चे के रूटीन में उसकी पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और मनोरंजन के लिए भी समय निकालना जरूरी है.
बच्चे की सराहना भी है बेहद जरूरी
बच्चों की कई उपलब्लियां जो आपके मुताबिक भले ही छोटी या मामूली हों, लेकिन बच्चें के लिए ये कामयाबी की एक सीढ़ी के जैसी होती है. ऐसे में बच्चे की हर उपलब्धि या कामयाबी पर उसकी सराहना बेहद जरुरी है. आपसे मिली प्रशंसा बच्चे के लिए प्रोत्साहन का काम करती है, जो उसे और बेहतर काम करने के लिए प्रेरित करती है.