How to beat Delhi nasty pollution : धुंध के संपर्क में आना हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है. स्मॉग एलर्जी, अस्थमा, सीओपीडी और ब्रोंकाइटिस जैसी हेल्थ कंडीशन का कारण बन सकता है. श्वसन स्वास्थ्य के अलावा, स्मॉग हृदय स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है. साथ ही, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अध्ययनों ने वायु प्रदूषण को अवसाद जैसी मानसिक बीमारियों से भी जोड़ा है. हालांकि, इस खतरनाक स्मॉग से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि बाहर जाने से बचें या कम समय बिताएं, लेकिन कुछ आसान घरेलू उपाय भी हैं जो हमारे द्वारा सांस ली जाने वाली जहरीली हवा के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं.
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न्यूटिशनिस्ट कविता देवगन (Kavita Devgan) का कहना है कि पॉल्यूशन के असर को कम करने के लिए दिन की शुरुआत अदरक की चाय के साथ करें और काम के बाद घर वापस आने पर एक और पिएं. यह फेफड़ों से वायु प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है. वहीं, अगर आप नाश्ते में ऑमलेट या बेसन चीला खाते हैं तो उसमें अजवायन डालिए. क्योंकि उनमें एंटीहिस्टामाइन होते हैं, जो बंद नाक, सीने में जमी बलगम जैसे लक्षणों के लिए मारक के रूप में काम करते हैं.
इसके अलावा जब भी आप बाहर निकलें तो हमेशा अपनी जीभ के नीचे एक लौंग रखें. दरअसल, लौंग गले और अन्नप्रणाली में कफ को तोड़ने में मदद करता है, और रिसपाइरेटरी सिस्टम में संक्रमण को रोकने में भी मदद करता है. आप चाहें तो लौंग की चाय भी पी सकते हैं.
इन बातों का भी रखें ध्यान
कविता आगे वीडियो में बताती हैं कि अधिक वजन वाले लोग स्वस्थ वजन वाले वयस्कों की तुलना में प्रतिदिन अधिक हवा में सांस लेते हैं, जिससे वे वायु प्रदूषकों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं. इसलिए अपना वजन नियंत्रित रखें. इसके अलावा जंक फूड छोड़ें और फल खाएं. सप्ताह में तीन या उससे अधिक बार फल खाने से फेफड़ों की ताकत बढ़ती है और अस्थमा होने के चांसेस भी कम होते हैं.
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दिल्ली को उसके उच्च प्रदूषण स्तर के कारण दुनिया की सबसे खराब जगहों में शामिल किया है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.